शरद पवार ने 2019 लोक सभा चुनाव में पीएम मोदी को हराने के लिए विपक्षी पार्टियों को बताया जीत का फॉर्मूला
2019 लोक सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने नया मंत्र दिया है।
मुंबई:
2019 लोक सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने नया मंत्र दिया है। शरद पवार ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि चुनाव पूर्व प्रधानमंत्री पद का नाम तय कर दिया जाय। उन्होंने कहा कि चुनाव में अधिकतर सीटें जीतने वाली पार्टी ही पीएम पद के लिए दावेदारी करेगी। शरद पवार ने इस बात पर खुशी जताई है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी साफ कर चुके हैं कि वे प्रधानमंत्री पद का सपना नहीं देखते हैं।
शरद पवार ने कहा, 'हमारा लक्ष्य बीजेपी को बाहर करने का होना चाहिए और 2019 लोक सभा चुनाव में विपक्ष में जिस पार्टी को अधिकतम सीटें आएगी वह प्रधानमंत्री पद का दावा कर सकता है।'
78 वर्षीय पवार ने कहा, 'चुनाव होने दीजिए, इन लोगों (बीजेपी) को बीजेपी को सत्ता से बाहर कीजिए। हम साथ बैठेंगे। जो भी पार्टी सबसे ज्यादा सीटें लाएगी वह प्रधानमंत्री पद की दावेदारी करेगी।' मुंबई में पार्टी की बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि मैं इस बात से खुश हूं कि राहुल गांधी ने कहा कि वे पीएम पद की दौड़ में नहीं हैं।
पवार ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य स्तर पर बीजेपी विरोधी पार्टियां गठबंधन करें और चुनाव परिणाम के बाद प्रधानमंत्री उम्मीदवार को चुनें, जैसा कि 1977 और 2004 के आम चुनावों में हुआ था। पवार ने ईवीएम छेड़छाड़ के आरोपों पर चिंता जताते हुए चुनाव आयोग से कहा कि चुनाव में बैलट पेपर का इस्तेमाल होना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा, 'अगले दो एक या दो हफ्ते के अंदर, कांग्रेस नेता अशोक गहलोत और अशोक चव्हाण और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और जयंत पाटिल दोनों पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा करेंगे।'
शरद पवार का बयान राहुल गांधी के लंदन में एक इंटरव्यू में दिए गए जवाब के ठीक एक दिन बाद आया है जिसमें राहुल ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री बनने का सपना नहीं देखते हैं। राहुल गांधी ने कहा था, 'मैं इस तरह प्रधानमंत्री बनने का सपना नहीं देखता हूं। मैं खुद को एक वैचारिक लड़ाई लड़ने वाले के तौर पर देखता हूं और यह बदलाव मेरे अंदर 2014 के बाद आया था। मैंने महसूस किया देश में जो घटनाएं हो रही हैं उससे भारत और भारतीयता को खतरा है और मैं इसे बचा रहा हूं।'
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने बैठक में एनसीपी नेताओं को याद दिलाया कि 1977 और 2004 में किस तरह चुनाव बाद पार्टियों ने एकजुट होकर सत्ता में बैठी पार्टी को बेदखल किया था। 1977 में कांग्रेस ने हार का सामना किया था और विपक्षी पार्टियों ने मोरारजी देसाई के नेतृत्व में सरकार का गठन किया था।
और पढ़ें : पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल पर 2015 बहिबल कलां गोलीकांड में संलिप्तता का आरोप
वहीं साल 2004 में आम चुनाव के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) का गठन हुआ था।
पवार ने कहा, '2004 में किसी पार्टी (विपक्षी) के पास बहुमत नहीं दी थी। किसी नेता को प्रधानमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट नहीं किया गया था। बीजेपी ने बड़े स्तर पर इंडिया शाइनिंग कैंपेन चलाया था लेकिन उसे मात मिली।'
पवार ने कहा, 'इसी तरह अभी नरेन्द्र मोदी एक मजबूत प्रतिद्वंदी हैं। लेकिन चिंता की बात नहीं है, देश का आम आदमी हमसे ज्यादा जागरूक और तेज है। सभी राज्यों में जाने की कोशिश कीजिए और जो बीजेपी के साथ नहीं जा रहे हैं वैसी पार्टियों विपक्षी गठबंधन में जोड़िए।'
और पढ़ें : BRD हादसे पर योगी के बयान को डॉ कफील ने बताया झूठा, कहा- नवजात बच्चे को नहीं होती इंसेफेलाइटिस
उन्होंने कहा, 'गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस मजबूत है। उत्तर प्रदेश में मायावती की बीएसपी और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी काफी मजबूत स्थिति में है। हर राज्य में अलग-अलग स्थिति है। इसलिए हमें उन पार्टियों को साथ लाना होगा जो हर राज्य में मजबूत स्थिति में है।'
इससे पहले जून महीने राहुल गांधी और शरद पवार ने 2019 चुनाव को लेकर विपक्षी एकजुटता और रणनीतियों पर बातचीत की थी। शरद पवार ने राहुल गांधी को आगामी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों पर केंद्रित होकर जीत हासिल करने को कहा था।
और पढ़ें : RSS का राहुल गांधी पर पलटवार, कहा- भारत को नहीं जानने वाले संघ को नहीं समझ सकते
कुछ महीने पहले 4 लोकसभा और 10 विधानसभा उपचुनावों में विपक्षी एकता को मिली जीत के बाद शरद पवार कई बार विपक्षी पार्टियों को एकजुट होने को कह चुके हैं। उन्होंने कहा था कि उन्हें मौजूदा स्थिति साल 1977 के जैसी लग रही है जब इंदिरा गांधी को विपक्षी पार्टियां की एकजुटता के कारण सत्ता से बाहर होना पड़ा था।
देश की अन्य ताज़ा खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें... https://www.newsnationtv.com/india-news
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
TMKOC के को-स्टार समय शाह को याद आई सोढ़ी की आखिरी बातचीत, डिप्रेशन की खबरों पर तोड़ी चुप्पी
-
The Lion King Prequel Trailer: डिज़्नी ने किया सिम्बा के पिता मुफासा की जर्नी का ऐलान, द लायन किंग प्रीक्वल का ट्रेलर लॉन्च
-
Priyanka Chopra: शूटिंग के बीच में प्रियंका चोपड़ा नेशेयर कर दी ऐसी सेल्फी, हो गई वायरल
धर्म-कर्म
-
Weekly Horoscope 29th April to 5th May 2024: सभी 12 राशियों के लिए नया सप्ताह कैसा रहेगा? पढ़ें साप्ताहिक राशिफल
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Puja Time in Sanatan Dharma: सनातन धर्म के अनुसार ये है पूजा का सही समय, 99% लोग करते हैं गलत
-
Weekly Horoscope: इन राशियों के लिए शुभ नहीं है ये सप्ताह, एक साथ आ सकती हैं कई मुसीबतें