logo-image

चीनी दूतावास के बाहर विरोध जताते कई पूर्व सैन्य अधिकारी हिरासत में लिए गए

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को सेना के पूर्व अधिकारियों और स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) के सदस्यों को हिरासत में ले लिया. ये लोग पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना के 20 जवानों की शहादत के खिलाफ चीनी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.

Updated on: 17 Jun 2020, 07:22 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को सेना के पूर्व अधिकारियों और स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) के सदस्यों को हिरासत में ले लिया. ये लोग सोमवार रात पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में पीएलए द्वारा भारतीय सेना के 20 जवानों की हत्या के खिलाफ यहां चीनी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. चीनी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन शहीद वेलफेयर फाउंडेशन के प्रतिनिधित्व में किया जा रहा था. हालांकि, बाद में स्वदेशी जागरण मंच के सदस्य भी इसमें शामिल हो गए.

यह भी पढ़ें : हिंसक झड़प में चीनी सेना का कमांडिंग अफसर भी मारा गया, 40 से ज्यादा सैनिक हताहत

एसजेएम सदस्यों ने शुरुआत में तीन मूर्ति पुलिस स्टेशन पर विरोध किया और फिर विरोध करने के लिए दूतावास की ओर चले गए. बुधवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद हुए जवानों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना जताई.

सिंह ने ट्वीट किया, "गलवान में सैनिकों को खोना बहुत ही परेशान करने वाला और दर्दनाक है. हमारे सैनिकों ने अनुकरणीय साहस और वीरता का परिचय दिया और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं का पालन करते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया."

सोमवार-मंगलवार की रात को लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (LAC) पर कम से कम 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. पहले एक अफसर सहित तीन जवानों के शहीद होने की खबर आई थी, लेकिन देर शाम एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि 20 भारतीय जवान शहीद हुए हैं. एएनआई ने यह भी जानकारी दी कि चीन की सेना के घायल और मारे गए सैनिकों की संख्‍या भी 43 से अधिक है.

यह भी पढ़ें : चीन मामले में PM मोदी ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, 19 जून को शाम 5 बजे करेंगे वर्चुअल बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक की थी. रात को ही सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की भी बैठक हुई थी. एलएसी पर यह घटना तब हुई जब सोमवार रात को गलवान घाटी के पास दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद सबकुछ सामान्य होने की स्थिति आगे बढ़ रह थी. इससे पहले विदेश मंत्रालय ने इस मामले में बयान जारी कर कहा था कि भारत ने हमेशा LAC का सम्मान किया और चीन को भी ऐसा करना चाहिए. मंत्रालय ने कहा कि LAC पर कल जो हुआ, उससे बचा जा सकता था.

LAC पर झड़प के बाद दिल्ली में पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के साथ बैठक हुई और फिर राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन पर हालात की जानकारी दी. उधर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पीएम आवास जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. बाद में पीएम नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भी बैठक की थी.

यह भी पढ़ें : मोक्षदायिनी गंगा में प्रवाहित की जाएंगी सुशांत सिंह राजपूत की अस्‍थियां, पटना लौटा परिवार

उधर, चीनी विदेश मंत्रालय ने उलटे भारत पर घुसपैठ करने का आरोप लगाया. एएफपी की खबर के मुताबिक, चीन का कहना है कि भारतीय सैनिकों ने बॉर्डर क्रॉस करके हमला किया था. चीनी विदेश मंत्रालय ने भारत को एकतरफा कार्रवाई न करने की 'सलाह' भी दी थी.