अफगानिस्तान नेशनल आर्मी (एएनए) के सात सैनिकों ने हाल ही में चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) में अपने सेना प्रशिक्षण का कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा किया. जब ये अफगान सैनिक ओटीए से बाहर हो चुके हैं, मगर अब उन्हें अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है. वे अपनी भूमिका के बारे में अनिश्चित हैं. आखिरकार उनके देश में भविष्य क्या होगा. ओटीए में अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद कुल 153 कैडेटों को अधिकारी के रूप में कमीशन मिला, इनमें से 25 अफगानिस्तान, भूटान और मालदीव के विदेशी कैडेट हैं. परेड की समीक्षा वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती ने की.
दरअसल अफगानिस्तान में तालिबान का राज आने के बाद से हालात बदतर हैं. यहां के लोग गरीबी और आराजकता से जूझ रहे हैं. इस 15 अगस्त को अफगानिस्तान तालिबान के हाथों में चला गया था. इसके बाद से यहां पर तालिबान ने अन्याय बरपाना शुरू कर दिया. खासकर महिलाओं पर काफी अत्याचार की घटनाएं देखने को मिली रही हैं. तालिबान शासित अफगानिस्तान में लोग भविष्य को लेकर लोग चिंतित हैं.
अफगानी कैडेट पासिंग आउट समारोह के दौरान, सात सैनिक गर्व से एएनए वर्दी पहने हुए थे और अपने भारतीय दोस्तों को बधाई दी और तस्वीरें लीं. अब वे दिल्ली पहुंचने के लिए तैयार हैं. यहां वे आगे की दिशा के लिए अफगानिस्तान दूतावास के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे. लेकिन वे सुनिश्चित नहीं हैं कि वापस कैसे आएं और अगर वे अफगानिस्तान वापस चले जाएं तो क्या होगा. भारत सरकार उनसे पूछ सकती है कि क्या वे अफगानिस्तान लौटना चाहते हैं अन्यथा उनका वीजा बढ़ा दिया जाएगा.
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जबकि अफगानिस्तान अराजकता की ओर बढ़ गया है और गृहयुद्ध जैसी स्थिति है,ये प्रशिक्षित सैनिक अपने भविष्य के बारे में अनिश्चित हैं. अफगान सेना के केवल सात कैडेटों के साथ ऐसा नहीं है। भारत बड़ी संख्या में अफगान कैडेटों को प्रशिक्षण दे रहा है. विदेशी कैडेटों में अफगानियों की संख्या सबसे ज्यादा है. उदाहरण के लिए, जून में देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी में विदेशी कैडेटों के पासिंग आउट के दौरान 84 में से 43 अफगानी थे.
वर्तमान में, 80 से ज्यादा अफगान कैडेट भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. इस वर्ष की शुरुआत में अफगानिस्तान राष्ट्रीय सेना की बीस महिला अधिकारियों के एक समूह ने ओटीए में छह सप्ताह की ट्रेनिंग प्राप्त की. यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिला अधिकारियों का वह चौथा जत्था था.
HIGHLIGHTS
- कुल 153 कैडेटों को अधिकारी के रूप में कमीशन मिला
- इनमें से 25 अफगानिस्तान, भूटान और मालदीव के विदेशी कैडेट हैं
- अफगान सैनिक ओटीए से बाहर हो चुके हैं
Source : News Nation Bureau