भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सुरक्षा महत्वपूर्ण : अमित शाह
शाह ने देश में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में विशिष्ट बदलाव लाने के लिए एक 'परामर्शात्मक' प्रक्रिया शुरू करने पर जोर दिया.
नई दिल्ली:
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में देश की आंतरिक तथा बाहरी सुरक्षा को कायम रखने की महत्ता पर जोर दिया. पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआर एंड डी) के 49वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान शाह ने कहा, "मोदी जी देश को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं और देश को दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल कराना चाहते हैं. लेकिन देश की सुरक्षा के बिना आर्थिक प्रगति संभव नहीं है. राज्यों में कानून व्यवस्था तथा सुरक्षा व्यवस्था कायम रखने की जरूरत है."
उन्होंने कहा कि देशभर में लगभग 34,000 पुलिसकर्मियों ने कानून व्यवस्था कायम रखने में अपने प्राण गंवाए हैं, जिससे पुलिस बल पर विश्वास बढ़ा है. उन्होंने पुलिसकर्मियों से उनके साथियों द्वारा किए गए अच्छे कामों को आगे ले जाने का आग्रह किया. शाह ने देश में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में विशिष्ट बदलाव लाने के लिए एक 'परामर्शात्मक' प्रक्रिया शुरू करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "लंबे समय से सीआरपीसी और आईपीसी में कोई बदलाव नहीं हुआ है. हमें इसके लिए आगे बढ़ने की जरूरत है. इस उद्देश्य के लिए देश भर में एक परामर्श प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए."
मंत्री ने कहा कि इस संबंध में दिए गए सुझाव पर एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी जानी चाहिए. यह देखते हुए कि देश में अपराधियों को सजा दिलाने की दर बहुत कम है, शाह ने बीपीआर एंड डी को फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय और कॉलेजों की स्थापना के लिए अपने काम में तेजी लाने की सलाह दी ताकि नई तकनीक अपराध के मामलों को सुलझाने में मदद कर सके. उन्होंने कहा कि अगर समयबद्ध तरीके से जांच के दौरान फोरेंसिक साइंस की मदद ली जाती तो इससे अपराधियों को सजा दिलाने की दर बेहतर होगी.
उन्होंने कहा, "फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय और कॉलेज वास्तव में मामलों को तेजी से हल करने में मदद करेंगे और अपराध के ग्राफ और अपराधियों की मानसिकता पर भी अंकुश लगाएंगे." पुलिस बल के आधुनिकीकरण को लेकर शाह ने कहा, "पुलिस को अपराधियों से चार कदम आगे होना चाहिए और यह तभी संभव हो सकता है जब पुलिस बल का उचित तरीके से आधुनिकीकरण किया जाए."
उन्होंने कहा, "आधुनिकीकरण को समग्र दृष्टि से देखा जाना चाहिए और विभागों के बीच उचित समन्वय होना चाहिए." मंत्री ने इसके सफल कार्यान्वयन के लिए पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 10 साल की योजना बनाने की बात कही और कहा कि हर राज्य में 'मोडस ऑपरेंडी ब्यूरो' की स्थापना करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि 'खाली फोन टैपिंग' करने से पुलिस को मदद नहीं मिलेगी. शाह ने कहा कि बल को बीट सिस्टम और मुखबिरी जैसी जांच के पुराने तरीकों को पुनर्जीवित करना चाहिए.
किसी भी मामले की जांच के दौरान पुलिस की 'थर्ड डिग्री' पद्धति के बारे में बात करते हुए शाह ने कहा कि ये अतीत की बातें हैं और मामलों को सुलझाने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. मंत्री ने पुलिस सुधारों के बारे में भी बात की और कहा कि कांस्टेबल से लेकर पुलिस महानिदेशक के पद तक पुलिसिंग की एक अवधारणा होनी चाहिए. उन्होंने कहा, "पुलिस सुधार बड़ी अवधारणा है और बीपीआर एंड डी इसे शुरू से डिजायन करेगी." शाह ने कहा कि पुलिस और कानून व्यवस्था राज्य के विषय थे, लेकिन कई बार कई राज्यों में उचित प्रेरणा की कमी के कारण बल का मनोबल घट गया है.
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