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कश्मीर में सेना का एक्शन जारी, डेढ़ महीने में मार गिराए 21 आतंकी, इस साल इतनों का किया सफाया

Jammu Kashmir Encounters: जम्मू-कश्मीर से आतंक का सफाया करने के लिए सेना के जवान लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं. आतंक के खिलाफ चलाए जा रहे सेना के इस ऑपरेशन में हर साल सैकड़ों आतंकी मारे जाते हैं. लेकिन इस साल पिछले साल की तुलना में आतंकियों के मारे...

Updated on: 24 Jul 2023, 09:29 AM

highlights

  • घाटी में कम हो रही आतंकियों की हरकत!
  • इस साल 20 जुलाई तक 35 आतंकी ढेर
  • पिछले साल जुलाई तक मारे गए थे 131 आतंकी

 

New Delhi:

Jammu Kashmir Encounters: जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना के जवान आतंकियों का सफाया करने के लिए लगातार अभियान चला रहा है. इस दौरान आए दिन जवानों की आतंकियों के साथ भिड़ंत भी हो जाती है. बीते दो दिनों के अंदर ही सुरक्षा बलों ने पुंछ जिले में 6 आतंकियों को मार गिराया. यही नहीं इस साल भी अब तक कई आतंकी मारे जा चुके हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, जून और जुलाई के महीने में घाटी में आतंकियों के सफाए की रफ्तार तेज हुई. क्योंकि 1 जून से 20 जुलाई के बीच सुरक्षा बलों ने 21 आतंकियों को मार गिराया है. वहीं जनवरी से मई के महीने से सेना के जवानों ने 14 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया. इस तरह से एक जनवरी से लेकर 20 जुलाई तक घाटी में कुल 35 आतंकी मारे जा चुके हैं.

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जनवरी से अप्रैल तक कम आतंकी मारे गए

इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खात्मे की रफ्तार कम रही है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि घाटी में जनवरी के महीने में कुल 4 आतंकवादी मारे गए. जबकि फरवरी में ये संख्या तीन थी. वहीं मार्च में एक आतंकी मौत के घाट उतारा गया. जबकि अप्रैल में कोई आतंकी नहीं मारा गया. वहीं सेना के जवानों ने मई में छह आतंकवादी को मार गिराया. विशेषज्ञों के मुताबिक, मुठभेड़ में आतंकवादियों के मारे जाने के ये आंकड़े हैरान करने वाले नहीं हैं. क्योंकि आमतौर पर सर्दियों के महीनों में दर्रों के बंद होने की वजह से घुसपैठ कम होती है. लेकिन जैसे ही धूप बढ़ती है और बर्फ पिघलती है वैसे ही सीमापार से घुसपैठ की कोशिशें बढ़ जाती हैं.

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पिछले साल के मुकाबले इतनी आई गिरावट

बता दें कि इस साल 1 जनवरी से 20 जुलाई और पिछले साल यानी 2022 में 1 जनवरी से 20 जुलाई के बीच मारे गए आतंकवादियों की संख्या में 73 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. इसके पीछे की वजह आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश और स्थानीय आतंकियों की भर्ती में गिरावट मानी है. बता दें कि इस साल 20 जुलाई तक जहां 35 आतंकी मारे गए हैं तो वहीं पिछले साल 20 जुलाई तक 131 आतंकियों को सेना के जवानों ने मौत के घाट उतारा था. जिसमें 95 स्थानीय आतंकवादी शामिल थे. जबकि इस साल अब तक मारे गए आतंकियों में केवल 8 स्थानीय आंतकी शामिल हैं. वहीं पिछले साल जनवरी से जुलाई के बीच 36 विदेशी आतंवादी मारे गए थे. जबकि इस साल अब तक घाटी में 27 विदेशी आतंकवादियों को मार गिराया गया है.