PM मोदी आज SCO की शिखर बैठक को करेंगे संबोधित, शी जिनपिंग भी होंगे शामिल
SCO की स्थापना 15 जून 2001 को हुई थी. भारत 2017 में इसका पूर्णकालिक सदस्य बना. दुशांबे में आज बैठक में ईरान, चीन, रूस, पाकिस्तान के विदेश मंत्री के भी एससीओ बैठक के लिए दुशांबे आने की संभावना है.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानि शुक्रवार को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की शिखर बैठक को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी इस बैठक में वर्जुअल शामिल होंगे. बैठक में अफगानिस्तान संकट, क्षेत्रीय सुरक्षा, सहयोग और संपर्क सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी. विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहले ही दुशांबे पहुंच चुके हैं. एससीओ की बैठक से पहले विदेश मंत्रियों ने मुलाकात की. सम्मेलन के दौरान बीते दो दशकों में हुए कामों की समीक्षा होने के आसार हैं. बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी शामिल होंगे.
भारत के साथ अपने संबंधों को चीन किसी तीसरे देश की निगाह से नहीं देखे- जयशंकर
समझा जाता है कि अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर भी बातचीत हुई. जयशंकर ने कहा कि ये भी आवश्यक है कि भारत के साथ अपने संबंधों को चीन किसी तीसरे देश की निगाह से नहीं देखे. उन्होंने कहा कि जहां तक एशियाई एकजुटता की बात है तो चीन और भारत को उदाहरण स्थापित करना होगा. बैठक के दौरान दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने सहमति व्यक्त की कि दोनों पक्षों के सैन्य और राजनयिक अधिकारियों को फिर से मिलना चाहिए और शेष मुद्दों (पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ) को जल्द से जल्द हल करने के लिए अपनी चर्चा जारी रखनी चाहिए.
EAM S Jaishankar meets Chinese FM Wang Yi on sidelines of SCO Summit in Dushanbe. "Discussed disengagement in our border areas. Underlined that progress in this regard is essential for restoration of peace&tranquillity, which is basis for development of bilateral ties,"EAM tweets pic.twitter.com/W9XfsjClpp
— ANI (@ANI) September 16, 2021
विदेश मंत्रालय ने बताया, एससीओ परिषद के सदस्य देशों के प्रमुखों की 21वीं बैठक हाइब्रिड प्रारूप में दुशांबे में 17 सितंबर को होगी. ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान बैठक की अध्यक्षता करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए वीडियो लिंक के जरिए शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करेंगे. वहीं दुशांबे में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विदेशमंत्री एस जयशंकर अफगानिस्तान पर होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे. साथ ही वह सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन की बैठक में भी शामिल होंगे. सम्मेलन के दौरान बीते दो दशकों में हुए कामों की समीक्षा होने के आसार हैं. इस दौरान जयशंकर ईरान, ताजिकिस्तान समेत अन्य सदस्य देशों के विदेशमंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे.
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ये होंगे शामिल
एससीओ की शिखर बैठक में सदस्य देशों के नेताओं के अलावा पर्यवेक्षक देश, संगठन के महासचिव, एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद निरोधक ढांचा के कार्यकारी निदेशक, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति एवं अन्य आमंत्रित अतिथि शामिल होंगे. चीन के विदेशमंत्री वांग यी, रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव, ईरान के विदेशमंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियान और पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी के दुशांबे आने की संभावना है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी बैठकों में हिस्सा लेने दुशांबे पहुंचेंगे.
पहली बार हाइब्रिड प्रारूप
पहली बार एससीओ की शिखर बैठक हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित की जा रही है और यह चौथी शिखर बैठक है जिसमें भारत एससीओ के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में हिस्सा ले रहा है.
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