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चीन और कांग्रेस के बीच हुए समझौते पर SC ने जताई हैरानी, कहा- ऐसा पहले नहीं सुना जब किसी पार्टी ने...

2008 में यूपीए (UPA) के सत्ता में रहते कांग्रेस पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच हुए समझौते की एनआईए (NIA) जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हैरानी जाहिर की कि कोई पार्टी किसी देश के साथ समझौता कैसे कर सकती है? हमने ऐसा कभी नहीं सुना.

Updated on: 07 Aug 2020, 12:59 PM

नई दिल्ली:

2008 में यूपीए (UPA) के सत्ता में रहते कांग्रेस पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के बीच हुए समझौते की एनआईए (NIA) जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हैरानी जाहिर की कि कोई पार्टी किसी देश के साथ समझौता कैसे कर सकती है? हमने ऐसा कभी नहीं सुना. याचिकाकर्ता के वकील महेश जेठमलानी ने बताया कि ये समझौता कांग्रेस और चीन की इकलौती सत्तारूढ़ पार्टी के बीच हुआ है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बेहतर होगा कि आप हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करें.

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2008 में राहुल गांधी और चीन के मौजूदा राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे. सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी में कहा गया था कि कांग्रेस पार्टी ने 2008 में हुए इस समझौते की बारीकियों से देश को अंधेरे में रखा. राष्ट्रहित से जुड़ी जानकारी भी सार्वजनिक नहीं हुई. लिहाजा इस मामले की एनआईए जांच ज़रूरी है. अर्जी में समझौते को संदिग्ध बताते हुए एनआईए जांच की मांग की गई है. इसमें राहुल और सोनिया गांधी को भी पक्षकार बनाया गया था.

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क्या था 2008 का एमओयू
इस एमओयू पर राहुल गांधी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में अंतरराष्ट्रीय मामलों के मंत्री वांग जिया रुई ने हस्ताक्षर किए थे. इस मौके पर सोनिया गांधी और चीन के तत्कालीन उपराष्ट्रपति शी जिनपिंग उपस्थित थे. इस एमओयू पर ग्रेट हॉल ऑफ चाइना में हस्ताक्षर किए गए थे. इसके तहत दोनों पार्टियों के बीच विचारों के आदान प्रदान को बढ़ावा देने की बात की गई थी. इस समझौते के बाद सोनिया गांधी ने चीन के लोगों की तारीफ करते हुए कहा था कि उन्होंने ओलंपिक खेलों को सफल बनाने के लिए काफी मेहनत की. साथ ही उनकी करीब आधे घंटे तक शी जिनपिंग और सीपीसी के जनरल सेक्रटरी हू जिंताओ के साथ भी बैठक हुई थी. इस बैठक में राहुल गांधी भी मौजूद थे.