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ज्ञानवापी में मिले 'शिवलिंग' पर सावन में जलाभिषेक का अधिकार मांगने वाली याचिका SC में खारिज

ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग पर सावन के पवित्र महीने में जलाभिषेक और पूजा का अधिकार मांगने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दिया. इस संबंध में याचिकाकर्ता के वकील विष्णु शंकर जैन ने न्यूज नेशन से खास बातचीत की.

Updated on: 21 Jul 2022, 07:37 PM

नई दिल्ली:

ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग पर सावन के पवित्र महीने में जलाभिषेक और पूजा का अधिकार मांगने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दिया. इस संबंध में याचिकाकर्ता के वकील विष्णु शंकर जैन ने न्यूज नेशन से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि हम अपनी मांग को लेकर जिला जज के पास जाएंगे. हम वहां पूजा के अधिकार के साथ ही शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की भी मांग करेंगे, ताकि वैज्ञानिक तरीके से शिवलिंग के ऊपर सवाल उठाने वाले हर पक्ष का जवाब दिया जा सके.

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ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग विवाद के मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि शिवलिंग के कार्बन डेटिंग और सावन के पवित्र माह में पूजा और जलाभिषेक का अधिकार मांगने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने भले आज सुनवाई से इनकार कर दिया हो, लेकिन हिंदू पक्ष अपनी मांग को लेकर वाराणसी जिला जज के पास जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट अक्टूबर महीने के अगले हफ्ते में सुनवाई करेगा. आज हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि अभी जिला जज के पास सुनवाई चल रही है, इसलिए इस पर सुनवाई नहीं करेंगे.

पिछले आदेश में यह कहा था सुप्रीम कोर्ट ने
गौरतलब है कि इससे पहले 20 मई को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने ज्ञानवापी मामला (Gyanvapi Row) वाराणसी (Varanasi) के जिला जज को ट्रांसफर कर दिया था. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, सूर्य कांत और पी एस नरसिम्हा की बेंच ने अपने आदेश में कहा था कि मामले की जटिलता को देखते हुए इसे अधिक अनुभवी जज को भेजा जा रहा है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि जिला जज (District Judge) मुस्लिम पक्ष के उस आवेदन को प्राथमिकता के आधार पर सुनें, जिसमें हिंदू पक्ष के वाद को सुनवाई के अयोग्य कहा गया था. इसके साथ ही देश की सर्वोच्च अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में यथास्थिति का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 17 मई को जो अंतरिम आदेश दिया गया था, वह अब भी लागू रहेगा. यानी शिवलिंग (Shivling) वाली जगह सुरक्षित रखी जाएगी और वहां वजू नहीं की जाएगी. इसके साथ कोर्ट ने कहा था कि परिसर में पहले की तरह नमाज पढ़ी जाती रहेगी. इसके साथ ही सुप्रीम  कोर्ट ने प्रशासन से कहा था कि वह मस्जिद में वजू के लिए उचित वैकल्पिक इंतजाम करें.