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जस्टिस सुधांशु धूलिया- जेबी पारदीवाला बनेंगे सुप्रीम कोर्ट के जज, एससी कॉलेजियम ने की पदोन्नति की सिफारिश  

न्यायमूर्ति धूलिया का जन्म 10 अगस्त, 1960 को लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल में हुआ था और उनकी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून और इलाहाबाद में हुई थी.

Updated on: 05 May 2022, 09:09 PM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट में 34 न्यायाधीशों की संख्या स्वीकृत है
  • 10 मई और 7 जून को जस्टिस विनीत सरन और एल नागेश्वर राव हो रहे हैं सेवानिवृत्त
  • CJI एनवी रमना, जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस यूयू ललित अगस्त, सितंबर और नवंबर होंगे सेवानिवृत्त  

 

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जमशेद बुर्जोर पारदीवाला को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की है. भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कॉलेजियम ने सिफारिशें कीं. उच्चतम न्यायालय में 32 न्यायाधीशों के साथ, वर्तमान में 34 न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या में से 2 रिक्तियां हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही और न्यायाधीशों के अवकाश ग्रहण के बाद  रिक्तियों की संख्या बढ़ जायेगी.  क्योंकि 10 मई और 7 जून को जस्टिस विनीत सरन और एल नागेश्वर राव की सेवानिवृत्ति हैं. वहीं  CJI एनवी रमना, जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस यूयू ललित क्रमशः अगस्त, सितंबर और नवंबर के महीनों में सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

न्यायमूर्ति  सुधांशु धूलिया का परिचय

न्यायमूर्ति धूलिया का जन्म 10 अगस्त, 1960 को लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल में हुआ था और उनकी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून और इलाहाबाद में हुई थी. वह सैनिक स्कूल, लखनऊ के पूर्व छात्र हैं और उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और कानून की डिग्री ली है. दूसरी पीढ़ी के कानूनी पेशेवर, न्यायमूर्ति धूलिया 1986 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में बार में शामिल हुए और 2000 में नए राज्य उत्तराखंड के के गठन पर अपने गृह राज्य में प्रैक्टिस करने चले गए. 

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वह उत्तराखंड उच्च न्यायालय में पहले मुख्य स्थायी वकील थे और बाद में उत्तराखंड राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता भी नियुक्त हुए थे. उन्हें 2004 में  वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था. उन्हें नवंबर 2008 में उत्तराखंड के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और बाद में 10 जनवरी 2021 को असम, मिजोरम, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने.

न्यायमूर्ति जमशेद बुर्जोर पारदीवाला का परिचय

12 अगस्त, 1965 को मुंबई में जन्मे न्यायमूर्ति पारदीवाला ने अपनी स्कूली शिक्षा अपने गृह नगर वलसाड (दक्षिण गुजरात) के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल से की. उन्होंने जेपी आर्ट्स कॉलेज, वलसाड से स्नातक किया. उन्होंने 1988 में वलसाड़ के के.एम. मुलजी लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की. जस्टिस पारदीवाला वकीलों के परिवार में चौथी पीढ़ी के कानूनी पेशेवर हैं. उनके पिता स्वर्गीय बुर्जोर कावासजी पारदीवाला ने वलसाड और नवसारी जिलों में 52 वर्षों तक वकालत की. उन्होंने कुछ समय के लिए गुजरात की 7वीं विधान सभा के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया था. उनके दादा और परदादा भी वकील थे और वलसाड और नवसारी जिलों में वकालत करते थे.