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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 500 और 1000 रुपये के नोटों को बदलने के लिए अतिरिक्त समय देने पर विचार करे केंद्र

सुप्रीम कोर्ट के प्रश्न पर सरकार ने हलफनामे के जरिये अपना जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से दस दिन का वक्त मांगा है।

Updated on: 05 Jul 2017, 07:52 AM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने 500 रुपये तथा 1,000 रुपये के विमुद्रित नोटों को वैध कारणों के साथ जमा करने पर विचार करने के लिए मंगलवार को केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को दो सप्ताह का वक्त दिया।

चीफ जस्टिस जेएस केहर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए महाधिवक्ता रंजीत कुमार से कहा कि वह मुद्दे पर निर्देश लें और कोर्ट को सूचित करें।

रंजीत कुमार ने लोगों द्वारा अपने विमुद्रित नोटों को जमा करने के मौके की मंजूरी को लेकर निर्देश प्राप्त करने के लिए समय की मांग की थी।

पीठ ने कहा कि ये वे लोग हैं, जो 30 दिसंबर की समय सीमा के दौरान अपने पुराने नोटों को जमा नहीं कर पाए थे, जैसे कुछ लोग इस दौरान जेल में थे।

पीठ ने कहा, 'हम जानना चाहते हैं कि आपने ऐसे लोगों को रोकने का चुनाव क्यों किया।'

कोर्ट कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिनमें एक महिला ने कहा है कि उस वक्त उसने बच्चे को जन्म दिया था, जबकि एक अन्य महिला ने कहा कि उनके घर में उस वक्त किसी की मौत हो गई थी।

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याचिकाओं में अधिकारियों को विमुद्रित नोट जमा करने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की गई थी। उल्लेखनीय है कि आठ नवंबर, 2016 की रात केंद्र सरकार ने 500 रुपये तथा 1,000 रुपये के नोटों को अमान्य घोषित कर दिया था।

सरकार ने आश्वस्त किया था कि विमुद्रित नोटों को बैंकों, डाकघरों तथा आरबीआई की शाखाओं में 30 दिसंबर, 2016 तक बदले जा सकते हैं। अगर लोग इस समय सीमा के भीतर अपने नोट जमा नहीं करा पाए, तो उन्हें कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद 31 मार्च, 2017 तक आरबीआई की शाखाओं में विमुद्रित नोटों को जमा करने का मौका मिलेगा।

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