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संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार को लिखी चिट्ठी, उठाई ये मांगें

संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार पर लोगों को गुमराह करने का गंभीर आरोप लगाया है. इस मामले में संयुक्त किसान मोर्चा ने संयुक्त सचिव और पीएम किसान के सीईओ विवेक अग्रवाल को चिट्ठी लिखी है.

Updated on: 26 Dec 2020, 06:09 PM

नई दिल्ली:

संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार पर लोगों को गुमराह करने का गंभीर आरोप लगाया है. इस मामले में संयुक्त किसान मोर्चा ने संयुक्त सचिव और पीएम किसान के सीईओ विवेक अग्रवाल को चिट्ठी लिखी है. किसान संगठन ने अपनी इस चिट्ठी में एक बार फिर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि किसान सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार हैं.

संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार को लिखी अपनी चिट्ठी में लिखा, ''अफसोस है कि इस चिठ्ठी में भी सरकार ने पिछली बैठकों के तथ्यों को छिपाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है. हमने हर वार्ता में हमेशा तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग की. सरकार ने इसे तोड़ मरोड़ कर ऐसे पेश किया, मानो हमने इन कानूनों में संशोधन की मांग की थी. आप अपनी चिट्ठी में कहते हैं कि सरकार किसानों की बात को आदरपूर्वक सुनना चाहती है. अगर आप सचमुच ऐसा चाहते हैं तो सबसे पहले वार्ता में हमने क्या मुद्दे कैसे उठाए हैं, इसके बारे में गलतबयानी न करें और पूरे सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार बंद करें.''

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''बहरहाल, चूंकि आप कहते हैं कि सरकार किसानों की सुविधा के समय और किसानों द्वारा चुने मुद्दों पर वार्ता करने को तैयार है, इसलिए हम संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सभी संगठनों से बातचीत कर निम्नलिखित प्रस्ताव रख रहे हैं. हमारा प्रस्ताव यह है कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर 2020 को सुबह 11 बजे आयोजित की जाए. बैठक का एजेंडा निम्नलिखित और नीचे दिए क्रम में हो: 

1. तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द/निरस्त करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि (Modalities).
2. सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक MSP की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान.
3. "राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020" में ऐसे संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए ज़रूरी हैं.
4. किसानों के हितों की रक्षा के लिए 'विद्युत संशोधन विधेयक 2020' के मसौदे में ज़रूरी बदलाव.

हम फिर दोहराना चाहते हैं किसान संगठन खुले मन से वार्ता करने के लिए हमेशा तैयार रहे है और रहेंगे.''

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संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी दूसरी चिट्ठी में लिखा, ''आजकल लेटर डिप्लोमसी चल रही है. हमें 2 दिन जवाब देने में लग जाते हैं वहां से फिर 2 घंटे में रिप्लाई आ जाता है. यानि गेंद उनके पाले में ही रखनी है. तो अब हम भी तैयार हैं, ठीक है चलो बात करते हैं. किसान मोर्चा सरकार को प्रस्ताव दे रहा है. 29 दिसंबर सुबह 11 बजे बैठक की जाए. बैठक का एजेंडा हम बता रहे हैं.

1. कानून रद्द करने की रूप रेखा
2. एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी
3. पराली वाले मामले से किसान बाहर किए जाएं
4. इलेक्ट्रिसिटी वाले मामले पर किसानों का हित
5. आंदोलन की आगे की रूपरेखा
6. हरियाणा और पंजाब के टोल परमानेंट खुले रहेंगे
7. 27-28 दिसंबर को पूरे बॉर्डर पर धरनों पर 2 दिन शहादत दिवस मनाया जाएगा
8. 29 दिसंबर को बात होगी
9. 30 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च होगा''