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नेपाली एवं राजस्थानी भाषा में साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2020 की घोषणा 

नेपाली लेखक शंकर देव ढकाल की कृति 'किरायाको कोख' के लिए और राजस्थानी लेखक  भंवरसिंह सामौर को उनकी कृति 'संस्कृति री सनातन दीठ' के लिए पुरस्कृत किया गया है.

Updated on: 26 Aug 2021, 07:31 PM

highlights

  • मलयालम के कवि ओमचेरी एन.एन. पिल्लई की कृति आकस्मिकम् ओरम्मक्कुरिप्पुकल को साहित्य अकादेमी पुरस्कार
  • नेपाली लेखक शंकर देव ढकाल की कृति 'किरायाको कोख' को साहित्य अकादेमी
  • राजस्थानी लेखक  भंवरसिंह सामौर की कृति 'संस्कृति री सनातन दीठ' के लिए पुरस्कृत किया गया

नई दिल्ली:

साहित्य अकादेमी ने नेपाली और राजस्थानी भाषा में साहित्य अकादेमी पुरस्कार की घोषणा की है. साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष डॉ. चद्रशेखर कंबार ने नेपाली एवं राजस्थानी भाषा में साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2020 को अपनी स्वीकृति प्रदान  की  है. नेपाली लेखक शंकर देव ढकाल की कृति 'किरायाको कोख' के लिए और राजस्थानी लेखक  भंवरसिंह सामौर को उनकी कृति 'संस्कृति री सनातन दीठ' के लिए पुरस्कृत किया गया है. पुस्तकों का चयन  निर्धारित नियमों और प्रक्रिया के अनुसार त्रिसदस्यीय जूरी द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर  किया गया है. नेपाली के लिए जूरी के सदस्य थे- युवराज काफले, डॉ. शांति छेत्री, प्रेम प्रधान और राजस्थानी भाषा के लिए जूरी सदस्य थे- हरीश वी. शर्मा, डाॅ. देव कोठारी, डाॅ. पी.सी. आचार्य.

दरअसल, इन भाषाओं के पुरस्कार पिछले वर्ष घोषित नहीं किए जा सके थे. यह पुरस्कार उक्त वर्ष से तत्काल पहले के वर्ष के पूर्ववर्ती पांच वर्षों (अर्थात् 1 जनवरी 2014 से 31 दिसंबर 2018 के मध्य) में प्रकाशित पुस्तकों पर विचार किया गया है. पुरस्कार विजेता को बाद में आयोजित होने वाले एक विशेष समारोह में पुरस्कार के रूप में एक उत्कीर्ण ताम्रफलक तथा 1,00,000 रुपए प्रदान किया जाएगा.

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इसके पहले साहित्य अकादेमी ने  साहित्य अकादेमी पुरस्कार-2020 के लिए मलयालम नाटककार, उपन्यासकार तथा कवि ओमचेरी एन.एन. पिल्लई की कृति आकस्मिकम् ओरम्मक्कुरिप्पुकल को अपनी स्वीकृति प्रदान की थी. निर्धारित नियमों और प्रक्रिया के अनुसार त्रिसदस्यीय जूरी द्वारा की गई सिफ़ारिशों के आधार पर पुस्तक का चयन किया गया. पुस्तक का चयन बहुमत से किया गया. जूरी के सदस्यों में डॉ. के.पी. शंकरन, सेतुमाधवन और डॉ. अनिल वल्लतोल थे. यह पुरस्कार उक्त वर्ष से तत्काल पहले के वर्ष के पूर्ववर्ती पाँच वर्षों (अर्थात् 1 जनवरी 2014 से 31 दिसंबर 2018 के मध्य) में प्रकाशित पुस्तकों पर विचार करते हुए प्रदान किया गया.

साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2020 के लिए ओड़िआ लेखिका तथा कवयित्री यशोधारा मिश्र की कृति समुद्रकूल घर को अपनी स्वीकृति प्रदान की. इस उद्देश्य के लिए निर्धारित नियमों और प्रक्रिया के अनुसार त्रिसदस्यीय जूरी द्वारा की गई सिफ़ारिशों के आधार पर पुस्तक का चयन किया गया. पुस्तक का चयन बहुमत से किया गया. जूरी के सदस्यों में डॉ. वीणापाणि महांति, डॉ. प्रतिभा सतपथी और रमाकांत रथ शामिल थे.