जातिगत भेद मिटा समृद्ध-सशक्त भारत अभियान तेज करेगा RSS
कुछ ऐतिहासिक कारण रहे, जिससे समाज में छोटे और बड़े का भेद आया, जबकि परमात्मा और संविधान के सामने सभी समान है.
अहमदाबाद:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने वैभवशाली भारत बनाने की दिशा में देश भर के स्वयंसेवकों से कार्य करने की अपील की है. 'समृद्ध भारत, सशक्त भारत और वैभवशाली भारत' निर्माण की दिशा में कार्य के लिए गुजरात के अहमदाबाद में हुई अखिल भारतीय समन्वय बैठक में संघ से जुड़े तीन दर्जन प्रमुख संगठनों ने संकल्प लिया है. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत की अध्यक्षता में 5 से 7 जनवरी तक चली इस महत्वपूर्ण बैठक में आत्मनिर्भर भारत अभियान, अर्थव्यवस्था, राम मंदिर, नई शिक्षा नीति, सामाजिक समरसता सहित देश के कई ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा हुई. सभी सहयोगी संगठनों के बीच समन्वय बनाने के लिए हर वर्ष संघ अखिल भारतीय समन्वय बैठक करता है. इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी भाग लिया.
बैठक के एजेंडा के बारे में सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने मीडिया को जानकारी दी है. डॉ. कृष्णगोपाल ने बैठक के समापन के बाद बताया कि समन्वय बैठक में सामाजिक समरसता अभियान को और तेज करने का निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा कि कुछ ऐतिहासिक कारण रहे, जिससे समाज में छोटे और बड़े का भेद आया, जबकि परमात्मा और संविधान के सामने सभी समान है. सभी के महापुरुष और सभी के उत्सव साझे हैं. जातीय भेदभाव समाप्त करने के लिए सामाजिक समरसता की गतिविधियां और तेज होंगी. आरएसएस ने इसके लिए समाज के समर्थवान लोगों से आगे आने की अपील की है.
इस बैठक में श्री राम जन्मभूमि के विषय पर भी चर्चा हुई. डॉ. कृष्णगोपाल ने कहा कि मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए पांच लाख गांवों के 10 करोड़ परिवारों से व्यापक सम्पर्क होगा. संघ ने राम मंदिर को देश के स्वाभिमान का प्रतीक बताया है. अखिल भारतीय समन्वय बैठक में आत्मनिर्भर भारत अभियान और देश की अर्थव्यवस्था पर भी चर्चा हुई. किस तरह से अर्थव्यवस्था में सुधार हो और देश तेजी से आत्मनिर्भर बने, इस पर मंथन हुआ. संघ से जुड़े संगठनों की ओर से स्किल डेवलपमेन्ट के माध्यम से लाखों लोगों को रोजगार से जोड़ने की पहल को और तेज करने पर बल दिया गया. डॉ. कृष्णगोपाल ने बताया कि नई शिक्षा नीति से देश पहली बार भारतीय भाव आधारित शिक्षा की ओर आगे बढ़ा है. इसके सही तरह से क्रियान्वयन करने पर भी बैठक में चर्चा हुई है.
संघ ने देश भर में पर्यावरण सुरक्षा की नई गतिविधि प्रारंभ की है. आने वाले समय में जल संकट की समस्या गहरा सकती है. ऐसे में संघ ने जल संरक्षण की दिशा में गांव के तालाबों को पुनर्जीवित करने की दिशा में कार्ययोजना बनाई है. वृक्ष लगाकर ग्रीन कवर बढ़ाने, प्लास्टिक के खिलाफ अभियान को और धार देने का निर्णय लिया. संघ ने परिवार नामक संस्था की मजबूती के लिए कुटुंब प्रबन्धन के अभियान को और गति देने की कोशिश की है. परिवार में बच्चों को उचित संस्कार मिले, परिवार मिलजुलकर और सनातन मान्यताओं को मानते हुए चलें, इस दिशा में कार्य कर रहे कार्यकर्ताओं को गति बढ़ाने का सुझाव दिया गया है.
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