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RSS में भैयाजी जोशी की जगह ले सकते हैं दत्तात्रेय होसबोले

संभावना है कि भैयाजी जोशी (Bhaiyaji Joshi) अपने पद से हट सकते हैं. उनकी जगह दत्तात्रेय होसबोले के चुने जाने की चर्चाएं भी तेज हैं.

Updated on: 20 Mar 2021, 11:57 AM

highlights

  • आरएसएस की प्रतिनिधि सभा में आज होगा सरकार्यवाह का चुनाव
  • सुरेश भैयाजी जोशी लगातार चुने जा रहे हैं चार बार से सरकार्यवाह
  • उनकी जगह दत्तात्रेय होसबोले चुने जा सकते हैं सरकार्यवाह 

नई दिल्ली:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में आज दूसरे सबसे महत्वपूर्ण पद सरकार्यवाह के लिए चुनाव होना है. बेंगलुरु में होने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में संभावना इस बात की भी जताई जा रही है कि भैयाजी जोशी (Bhaiyaji Joshi) अपने पद से हट सकते हैं. उनकी जगह दत्तात्रेय होसबोले के चुने जाने की चर्चाएं भी तेज हैं. संघ में सबसे बड़ा कार्यकारी पद सरकार्यवाह का ही है. एक दशक से ज्यादा वक्त से भैया जी जोशी सरकार्यवाह हैं. गौरतलब है कि तीन साल पहले भी इसी तरह की चर्चा थी कि जोशी अपने पद से हट सकते हैं, लेकिन तब भी भैयाजी जोशी ही चुने गए थे. हालांकि एक बार फिर से अटकलों का दौर तेज़ है. 

भैयाजी जोशी चार बार से बन रहे हैं सरकार्यवाह
माना जा रहा है कि अगर जोशी अगला कार्यकाल नहीं चाहेंगे तो चुनाव में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले को चुना जाना लगभग तय है. होसबोले कर्नाटक के शिमोगा से हैं. आरएसएस के सरकार्यवाह का कार्यकाल तीन साल का होता है. भैयाजी जोशी पिछले चार बार से इस पद पर चुने जाते रहे हैं. शनिवार को निर्णय हो जाएगा कि वह पांचवीं बार चुने जाएंगे या फिर कोई नया चेहरा सामने आएगा. दरअसल, आरएसएस में सबसे महत्वपूर्ण पद सरसंघचालक का होता है. वर्तमान में मोहन भागवत इस पद पर आसीन हैं. संगठन के अंतिम निर्णय सरसंघचालक ही करता है, लेकिन यह एक तरीके से मार्गदर्शक का पद होता है. सरसंघचालक अपना उत्तराधिकारी स्वयं चुनता है. संगठन के नियमित कार्यों के संचालन की जिम्मेदारी सरकार्यवाह की होती है. इसे महासचिव के तौर पर भी समझा जा सकता है.

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नहीं हुई है वोटिंग
चुनाव को लेकर संघ के इतिहास में आज तक कभी भी वोटिंग की नौबत नहीं आई है. हर बार सरकार्यवाह का चुनाव निर्विरोध ही हुआ है. चुनाव की पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाता है. चुनाव अधिकारी नए सरकार्यवाह के लिए नाम आमंत्रित करते हैं. नए सरकार्यवाह का चुनाव होने के बाद वे अपनी पूरी टीम बनाते है. कोरोना महामारी की वजह से इस बार अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक काफी छोटी रखी गई है. इस बार की बैठक में देश भर से सिर्फ 500 से लेकर 550 वरिष्ठ स्वयंसेवकों को ही इसमें आमंत्रित किया गया है. आमतौर पर प्रतिनिधि सभा की बैठक में तीन हजार से ज्यादा वरिष्ठ पदाधिकारी भाग लेते है. आरएसएस के हर प्रांत से भी सिर्फ सात-आठ पदाधिकारियों को ही इस बार आमंत्रित किया गया है.