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बीकानेर जमीन मामला: ED की 9 घंटे की कड़ी पूछताछ के बाद रॉबर्ट वाड्रा दिल्ली रवाना

प्रवर्तन निदेशालय को संदेह है कि जाली दस्तावेजों के माध्यम से सस्ते दर पर जमीन खरीदने के इस मामले में भारी मात्रा में धनशोधन किया गया है.

Updated on: 14 Feb 2019, 08:55 AM

जयपुर:

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बीकानेर जिले में कथित जमीन घोटाले के संबंध में बुधवार को बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा से अपने जयपुर कार्यालय में लगभग 9 घंटे तक पूछताछ की. पूछताछ के बाद वाड्रा दिल्ली के लिए रवाना हो गए. रॉबर्ड वाड्रा से पिछले दो दिनों से ईडी कथित जमीन घोटाले में पूछताछ कर रही है. इससे पहले मंगलवार को भी निदेशालय ने 9 घंटे की पूछताछ की थी. वाड्रा से बीकानेर जमीन सौदा से जुड़े धनशोधन मामले में पूछताछ की, जिसमें भूषण स्टील एंड पॉवर द्वारा फ्रांसीसी कंपनी को वाड्रा की कंपनी से जमीन खरीदने के लिए कर्ज दिया गया था.

ईडी के एक सूत्र ने बताया कि वाड्रा से भूषण स्टील एंड पॉवर द्वारा मुंबई की कंपनी पीआर फोनरोक को दिए गए कर्ज के संबंध में पूछताछ की गई. पीआर फोनरोक, पीआर क्लीन इनर्जी और फ्रांस की फोनरोक इनर्जी का संयुक्त उद्यम है, जिसने वाड्रा की कंपनी से जमीन काफी उच्च कीमत पर खरीदी थी.

वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने यह जमीन कोलायत में मार्च 2010 में खरीदी थी. ईडी अधिकारियों के मुताबिक, स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 69.55 हेक्टेयर जमीन 72 लाख रुपये में खरीदी थी और उसके बाद इसे एल्लेजेनी फिनलीज को 5.15 करोड़ रुपये में बेची थी, जिससे कंपनी को 4.43 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ.

मई 2012 में, कंपनी ने कोलायत में ही एक और 29.36 हेक्टेयर जमीन करीब 2 करोड़ रुपये में फ्रांस की संयुक्त उद्यम को बेचा, जबकि जमीन का मूल्य बढ़ा नहीं था.

ईडी अधिकारियों के मुताबिक, एल्लेजेनी ने 69.5 हेक्टेयर्स, साचचिया ने 17.6 हेक्टेयर और वीसीबी ट्रेडिग ने 53.8 हेक्टेयर जमीन वाड्रा की तीन कंपनियों- स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी, स्काईलाइट रियल्टी और ब्लू ब्रीज ट्रेडिंग से बीकानेर के कोलायत गांव में खरीदी. बाकी बचा जमीन पीआर फोनरोक द्वारा खरीदी गई.

ईडी के एक सूत्र ने बताया कि भूषण पॉवर एंड स्टील लिमिटेड ने एक कंपनी को कर्ज दिया, जिसने स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी से अधिग्रहण लागत से 7 गुणा अधिक कीमत पर जमीन खरीदी.

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एजेंसी ने राजस्थान पुलिस द्वारा फर्जीवाड़े के आरोपों में दर्ज मामले का संज्ञान लेते हुए धनशोधन अधिनियम 2015 के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया है. वाड्रा और उनकी 75 वर्षीय मां मौरीन वाड्रा से ईडी ने मंगलवार को आठ घंटों तक पूछताछ की थी.

एजेंसी ने पहले स्काइलाइट को नोटिस जारी किया था, लेकिन एफआईआर में वाड्रा का या उनसे जुड़े किसी कंपनी का नाम नहीं था. सरकार ने हस्तांतरित किए गए 374.44 हेक्टेयर जमीन का आवंटन रद्द कर दिया था, जब यह पाया गया कि उसे कथित रूप से 'अवैध निजी लोगों' के नाम पर हस्तांतरित किया गया है.

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राजस्व अधिकारियों ने शिकायत में कहा था कि बीकानेर के 34 गांवों की सरकारी जमीन, जिसका इस्तेमाल सेना के लिए फाइरिंग रेंज के विस्तार के लिए किया जाना था, उसे भूमाफियाओं ने 'जाली और मनगढंत' दस्तावेज तैयार कर के 'हड़प' लिया.

ईडी को संदेह है कि जाली दस्तावेजों के माध्यम से सस्ते दर पर जमीन खरीदने के इस मामले में भारी मात्रा में धनशोधन किया गया है. बीते सप्ताह, ईडी ने नई दिल्ली में धनशोधन के एक अलग मामले में वाड्रा से तीन दिनों तक कुल 24 घंटे पूछताछ की थी.

(IANS इनपुट्स के साथ)