logo-image

कोरोना संक्रमण में बढ़ोतरी के कारण 22 जनवरी के बाद भी रैली-रोड शो से नहीं हटेगी पाबंदी  

चुनाव आयोग प्रचार पर लगी दूसरी पाबंदियों पर कुछ छूट देने पर अगली समीक्षा बैठक में विचार करेगा. चुनाव आयोग 22 जनवरी को प्रचार से जुड़ी पाबंदियों की समीक्षा के लिये बैठक करेगा.

Updated on: 20 Jan 2022, 09:17 PM

highlights

  • चुनाव की घोषणा के बाद से ही रैली-रोड शो पर है पाबंदी 
  •  राजनीतिक पार्टियों को इनडोर बैठक के लिये 300 लोगों की इज़ाज़त
  •  चुनाव आयोग ने रैली, रोड शो पर पाबंदी को 22 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया  

नई दिल्ली:

Assembly Election 2022: चुनाव आयोग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा है कि पांच चुनावी (Assembly Election 2022) राज्यों में रैली और रोड शो पर लगी पाबंदियां 22 जनवरी के बाद भी हटने के आसार नहीं हैं. अभी रैली और रोड शो पर लगी रोक हटायी नहीं जा सकती क्योंकि अभी भी कोरोना के मामले (Corona Cases in India) लगातार बढ़ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ कोविड के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का भी खतरा बना हुआ है. हलांकि चुनाव आयोग प्रचार पर लगी दूसरी पाबंदियों पर कुछ छूट देने पर अगली समीक्षा बैठक में विचार करेगा. चुनाव आयोग 22 जनवरी को प्रचार से जुड़ी पाबंदियों की समीक्षा के लिये बैठक करेगा.

चुनाव की घोषणा के बाद से ही रैली-रोड शो पर है पाबंदी ! 8 जनवरी को 5 चुनावी राज्यों में चुनाव तारीखों की घोषणा के साथ ही चुनाव आयोग ने रैली, रोड शो, बाइक, साइकिल रैली, पदयात्रा और किसी तरह के प्रदर्शन पर रोक लगा रखा है. हालांकि 15 जनवरी को पहली समीक्षा के बाद चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों के लिये इनडोर बैठक के लिये 300 लोगों के आने की इज़ाज़त ज़रूर दी दी थी. बता दें कि चुनाव आयोग ने अपनी पहली समीक्षा के दौरान रैल, रोड शो पर पाबंदी को 22 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया था.

यह भी पढ़ें : दिल्ली में RT-PCR के 500 की जगह देने होंगे सिर्फ 300 रुपये

चुनाव आयोग की नज़र चुनावी राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामले और टीकाकरण की रफ्तार पर है. गोवा, यूपी, उत्तराखंड के टीकाकरण की रफ्तार से चुनाव आयोग संतुष्ट है लेकिन पंजाब और मणिपुर में टीकाकरण की रफ्तार से आयोग के लिए बड़ी चिंता बना हुआ है. चुनाव आयोग की अगली बैठक में इन सबके आधार पर चुनाव आयोग फैसला करेगा.