Republic Day : जानिए, कैसे शुरू हुई थी गणतंत्र दिवस मनाने की परंपरा
साल 1950 में 26 जनवरी के दिन ही हमारे देश में संविधान लागू हुआ था, जिसके उपलक्ष्य में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. एक स्वतंत्र गणराज्य बनने के लिए भारतीय संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को संविधान अपनाया गया था.
नई दिल्ली:
26 जनवरी (26 January) का दिन भारत में हर साल गणतंत्र दिवस (Republic Day) के रूप में मनाया जाता है. इस साल देश 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? तो चलिए आज जानते हैं कि गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है. आखिर इसके पीछे की क्या वजह है. जो हर साल 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस मनाया जाता है.
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दरअसल, साल 1950 में 26 जनवरी के दिन ही हमारे देश में संविधान लागू हुआ था, जिसके उपलक्ष्य में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. एक स्वतंत्र गणराज्य बनने के लिए भारतीय संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को संविधान अपनाया गया था, लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था. डॉ. भीमराव अंबेडकर (B. R. Ambedkar) ने संविधान को दो साल, 11 महीने और 18 दिनों में तैयार कर राष्ट्र को समर्पित किया था.
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इतिहास के पन्नों में गणतंत्र दिवस के तथ्य बेहद ही रोचक हैं. साल 1929 में दिसंबर में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ. इस अधिवेशन में प्रस्ताव पारित कर इस बात की घोषणा की गई थी कि अगर अंग्रेज सरकार द्वारा 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमीनियन का दर्जा नहीं दिया गया, तो भारत को पूर्ण रूप से स्वतंत्र देश घोषित कर दिया जाएगा.
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जब अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं किया तब कांग्रेस ने 26 जनवरी 1930 को भारत को पूर्ण स्वराज घोषित कर दिया. भारत की आजादी के बाद संविधान सभा की घोषणा की गई, जिसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1947 से शुरु किया. संविधान सभा ने 2 साल, 11 महीने, 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया.
हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान माना जाता है. इसे बनाने वाली संविधान सभा के अध्यक्ष भीमराव अंबेडकर थे. वहीं जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे.
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