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सोशल मीडिया से हटाए जाए कोरोना के 'भारतीय वेरिएंट' वाले सारे कंटेंट- केंद्र सरकार

कांग्रेस नेता कमलनाथ (Kamal Nath) के अनुसार कोरोना का अब भारतीय वेरिएंट आ चुका है. कमलनाथ के इस बयान के बाद केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से कहा है कि वे कोविड-19 के 'भारतीय वेरिएंट' (Indian Variant) से जुड़ी सारी पोस्‍ट्स हटा दें. 

Updated on: 22 May 2021, 01:53 PM

highlights

  • कमलनाथ ने इंडियन वेरिएंट कह कर विवाद पैदा किया
  • सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे कमलनाथ
  • बीजेपी बोली- कथित टूलकिट का हिस्सा है बयान

नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता कमलनाथ (Kamal Nath) ने कोरोना (Coronavirus) का भारतीय वेरिएंट पर एक बयान देकर कथित टूलकिट मामले को और गरम कर दिया है. कांग्रेस नेता के अनुसार कोरोना का अब भारतीय वेरिएंट आ चुका है. जिससे पूरी दुनिया को खतरा है. कमलनाथ के इस बयान पर बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी के अनुसार विपक्ष जानबूझ कर भारत की छवि खराब करने की कोशिश करता है. वहीं कमलनाथ (Kamal Nath) के इस बयान के बाद केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से कहा है कि वे कोविड-19 के 'भारतीय वेरिएंट' (Indian Variant) से जुड़ी सारी पोस्‍ट्स हटा दें. 

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केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से कहा है कि वे कोविड-19 के 'भारतीय वेरिएंट' से जुड़ी सारी पोस्‍ट्स हटा दें. इसमें वे पोस्‍ट्स शामिल हैं जिनमें यह टर्म इस्‍तेमाल हुआ है या उसकी ओर इशारा भी किया गया है. इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सभी कंपनियों को भेजी एक चिट्ठी में कहा कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) ने अपनी किसी भी रिपोर्ट में B.1.617 को 'इंडियन वेरिएंट' नहीं कहा है. 

IT मिनिस्‍ट्री ने कहा कि 'हमारी जानकारी में आया है कि एक झूठा बयान ऑनलाइन सर्कुलेट हो रहा है जिसका मतलब यह है कि कई देशों में कोरोना वायरस का एक 'भारतीय वेरिएंट' फैल रहा है. यह पूरी तरह से झूठ है.' कंपनियों से कहा गया है कि वे ऐसा हर वो कंटेंट हटा दें जिसमें 'कोरोना वायरस के इंडियन वेरिएंट का जिक्र हो, संदर्भ हो या उसका अर्थ भी निकलता हो.

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इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 11 मई को कहा था कि पिछले साल भारत में पहली बार पहचाने गए कोरोना वायरस के वेरिएंट बी.1.617 को वैश्विक चिंता के एक प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया गया था. हालांकि, भारत सरकार ने एक दिन बाद बयान जारी कर कहा कि भारतीय वेरिएंट शब्द का उपयोग करने वाली मीडिया रिपोर्ट बिना किसी आधार के थी.