केंद्र और RBI में टकराव के बीच पीएम मोदी से मिले थे गवर्नर उर्जित पटेल: रिपोर्ट
आरबीआई की ओर से रखे जाने वाले कैश रिजर्व को लेकर वित्त मंत्रालय और केंद्रीय बैंक के बीच पैदा हुए मतभेदों को सुलझाने के मकसद से यह मीटिंग की थी.
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक के बीच पैदा हुए मतभदों के बीच पीएम नरेंद्र मोदी और RBI गवर्नर उर्जित पटेल के बीच मुलाकात की खबर आई है. सूत्रों के अनुसार उर्जित पटेल बीते शुक्रवार को दिल्ली में थे और पीएमओ के सीनियर अधिकारियों से मुलाकात की थी. रिपोर्ट के अनुसार इस मुलाकात का मकसद सरकार और आरबीआई के बीच मतभेदों को सुलझाना था.
सूत्रों के अनुसार यह भी माना जा रहा है कि इन मुलाकातों में पीएम मोदी के साथ मीटिंग भी शामिल थी.
आरबीआई की ओर से रखे जाने वाले कैश रिजर्व को लेकर वित्त मंत्रालय और केंद्रीय बैंक के बीच पैदा हुए मतभेदों को सुलझाने के मकसद से यह मीटिंग की थी. खबरों के अनुसार वित्त मंत्रालय अगले साल चुनाव की वजह से केंद्रीय बैंक से अधिक कैश मार्केट में फ्लो करने की मांग कर रहा था, जिस पर गवर्नर ने असहमति जताई थी.
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हालांकि केंद्रीय वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से 3.6 लाख करोड़ रुपये की मांग करने से जुड़ी खबर को खारिज करते हुए इसे गलत सूचनाओं पर आधारित कयासबाजी करार दिया.
उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है और देश का राजकोषीय घाटा लक्ष्य के अनुरूप है. सुभाष चंद्र गर्ग ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 फीसदी बजटीय अंतर का लक्ष्य हासिल करेगी.
सूत्रों के मुताबिक आरबीआई ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वह लघु और मध्यम उद्योगों को सपॉर्ट करने के लिए अधिक कैश जारी कर सकता है. लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नॉन बैंकिंग फाइनैंस कंपनियों की मदद के लिए कोई करार हुआ है या नहीं.
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आरबीआई और केंद्र सरकार के बीच तनाव इस वजह से भी बढ़ा था क्योंकि वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय बैंक के खिलाफ सेक्शन 7 के इस्तेमाल की बात कही थी. जो रिजर्व बैंक के इतिहास में पहली बार इस्तेमाल किया गया.
गौरतलब है कि पिछले दिनों रिजर्व बैंक के डेप्युटी गवर्नर विरल आचार्य ने कहा था कि केंद्रीय बैंक को अधिक स्वायत्ता दिए जाने की जरूरत है. ऐसा न किया जाना अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक साबित होगा.
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