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रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर को मिल सकती है चुनावी राज्यों की कमान!

नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 के पहले मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले हर्षवर्धन, जावड़ेकर, रविशंकर प्रसाद सहित 12 मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर होने के BJP रविशंकर प्रसाद और जावड़ेकर को अहम जिम्मेदारी दे सकती है.

Updated on: 11 Jul 2021, 09:14 PM

highlights

  • केंद्रीय कैबिनेट विस्तार के बाद संगठन में मिलेगा मौका
  • जावडे़कर रविशंकर को बना सकते हैं चुनावी राज्यों का प्रभारी
  • हर्षवर्धन और निशंक को भी है राज्य संभालने का अनुभव

नई दिल्ली :

नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 के पहले मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद सहित 12 मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर होने के बाद अब रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर को एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी अहम जिम्मेदारी देने वाली है. दोनों ही नेताओं को पार्टी जल्दी ही राष्ट्रीय उपाध्यक्ष या फिर राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी दे सकती है. इसके अलावा पार्टी इन दोनों नेताओं के अनुभव का फायदा उठाने के लिए इन्हें जल्दी ही चुनावी राज्यों का प्रभार भी सौंप सकती है.

आपको बता दें कि अगले साल यानि कि 2022 में देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं और इस बात की संभावना जताई जा रही है कि इन विधानसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी हर्षवर्धन, रविशंकर प्रसाद, निशंक और प्रकाश जावड़ेकर सहित कुछ अन्य बड़े नेताओं को संगठन में शामिल कर इन पांचों चुनावी राज्यों के प्रभारी बनने की जिम्मेदारी दी जा सकती है. आपको बता दें कि जावड़ेकर और प्रसाद पहले भी पार्टी के संगठन में ये अहम भूमिका कर चुके हैं. हर्षवर्धन दिल्ली के पार्टी अध्यक्ष के तौर पर पहले भी काम कर चुके हैं तो वहीं निशंक भी उत्तराखंड में पहले भी मुख्यमंत्री के पद पर रह चुके हैं.

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बीजेपी में लागू है एक व्यक्ति एक पद का नियम
बीती 7 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल के बाद हुए विस्तार के बाद भारतीय जनता पार्टी के महासचिव भूपेंद्र यादव और  राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी सहित पार्टी संगठन में विभिन्न जिम्मेदारियां संभाल रहे 5 नेताओं को मंत्री बनाया गया है. जैसा कि आप सभी जानते हैं बीजेपी में एक व्यक्ति, एक पद का सिद्धांत लागू है, इसलिए माना जा रहा है कि सरकार में शामिल किए गए नेताओं की जगह संगठन में नए लोगों को जिम्मेदारी दी जा सकती है. इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि हर्षवर्धन, रविशंकर प्रसाद और जावड़ेकर सहित केंद्रीय मंत्रिपरिषद से बाहर किए गए नेताओं को संगठन में भूमिका दी जा सकती है.

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मोदी कैबिनेट की बैठक में हुए थे ये बड़े ऐलान
कैबिनेट बैठक में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को स्पष्ट संदेश दिया गया कि मंडियों को लेकर उनकी चिंता गैर-वाजिब है, मंडिया खत्म नहीं होंगी. देश के किसानों को मंडियों के माध्यम से एक लाख करोड़ रुपए मिल सकेंगे. सरकार किसान मंड़ियों को और ज्यादा मजबूत करेगी. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर  ( Narendra Singh Tomar, Union Agriculture Minister ) ने कहा कि सरकार का पूरा फोकस कृषि कल्याण पर है. उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री ने कहा कि 1 लाख करोड़ रुपये, APMC के जरिये अलग अलग आधारभूत ढांचा बनाया जायेगा. कैबिनेट बैठक में नारियल की खेती पर विशेष जोर दिया गया. कृषि मंत्री ने कहा कि नारियल का उत्पादन बढ़े उसके लिए 1931 में नारियल बोर्ड आया था जिसमे संशोधन करने जा रहे हैं.

  • कोऑपरेटिव फेडरेशन, स्वंसहायता समूह और APMC को फायदा. किसानों के समूह को 2 करोड़ तक लोन पर 3% ब्याज की छूट दी जाएगी.
      
  • कोरोना वायरस की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर नई कैबिनेट में बड़े फैसले लिए गए हैं., जिसके चलते 23,123 करोड़ के नए हेल्थ इमरजेंसी पैकेज का ऐलान किया है. 
  • हेल्थ सेक्टर पर केंद्र 15 हजार करोड़ खर्च करेगा. राज्यों को 8 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे.
  • अगले 9 महीने में बेड, ऑक्सीजन स्टोर और दवाओं पर काम होगा. हर ज़िले में 10 हजार लीटर ऑक्सीजन स्टोर के सेंटर बनेंगे.
  • 20 हजार ICU बेड बनाने के लिए भी पैकेज की व्यवस्था की जाएगी. बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए खास इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जाएगा.