विदाई समारोह में बोले रामनाथ कोविंद, मतभेद भुलाकर करें राष्ट्रहित में काम
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला शनिवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को विदाई देने के लिए संसद के सेंट्रल हॉल में एक समारोह में शामिल हुए.
नई दिल्ली:
संसद के सेंट्रल हॉल (Central Hall) में एक समारोह में विदाई भाषण के दौरान राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने भारत की उपलब्धियां गिनाईं.
इस मौके पर निवर्तमान राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, "मैं द्रौपदी मुर्मू (Draupdi Murmu) को अगले राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर हार्दिक बधाई देता हूं, उनके मार्गदर्शन से देश को लाभ होगा. "संसद को "लोकतंत्र का मंदिर" बताते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने उनसे सदन में बहस के दौरान गांधीवादी दर्शन का उपयोग करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, "सांसदों को संसद में बहस और असहमति के अधिकारों का प्रयोग करते समय हमेशा गांधीवादी दर्शन का पालन करना चाहिए."
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उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला शनिवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को विदाई देने के लिए संसद के सेंट्रल हॉल में एक समारोह में शामिल हुए. जनजातीय समुदाय की महिला निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी. संसद के सेंट्रल हॉल में सांसदों को अपने विदाई भाषण में कोविंद ने राजनीतिक दलों से राष्ट्रीय हित में पक्षपातपूर्ण राजनीति से ऊपर उठने और लोगों के कल्याण के लिए क्या आवश्यक है, यह तय करने के लिए कहा. उन्होंने आगे शांति और सद्भाव के मूल्य पर जोर देते हुए कहा कि लोगों को विरोध करने और अपने लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए दबाव बनाने का अधिकार है, लेकिन उनके तरीके गांधीवादी होने चाहिए. उनकी टिप्पणी ऐसे समय में महत्वपूर्ण हो जाती है जब कई मुद्दों पर विपक्ष के विरोध के कारण संसदीय कार्यवाही अक्सर बाधित होती है.
द्रौपदी मुर्मू को अगला राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई देते हुए कोविंद ने कहा कि उनके मार्गदर्शन से भारत को लाभ होगा. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मंत्रिपरिषद, निवर्तमान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया.
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