योग गुरु रामदेव (Yog Guru Ramdev) ने 'पतंजलि (Patanjali) द्वारा कोविड-19 (Covid-19) प्रथम साक्ष्य-आधारित दवा' पर वैज्ञानिक शोध पत्र जारी किया. इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ( Union Health Minister Dr. Harsh Vardhan ) और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari a) भी उपस्थित रहे. इस मौके पर बाबा रामदेव ने कहा कि जब हमने रिसर्च और एविडेंस के साथ साबित कर दिया कि कोरोनिल एक साथ कोरोना की रोकथाम, इलाज, कोरोना के बाद के प्रभाव और कोरोना की जटिलताओं से निपटने के लिए एक साथ काम करती है तो पूरे देश और दुनिया ने माना. अब हमें 150 से ज़्यादा देशों में कोरोनिल बेचने की अनुमति है.
आयुष मंत्रालय ने भी पतंजलि की इस नई कोरोनिल को कोरोना वायरस की आयुर्वेदिक दवाई के रूप में स्वीकार कर लिया है. पतंजलि की कोरोना वायरल की दवा कोरोनिल को लेकर बाबा रामदेव से न्यूज नेशन ने Exlusive बातचीत की है. बाबा रामदेव ने कहा है कि पतंजलि की इस दवा के लिए WHO की GMP के तहत भारत सरकार ने सीओपीपी\डीसीजीआई प्रमाण पत्र जारी किया है.
बाबा रामदेव ने न्यूज नेशन से बातचीत में कहा कि कोरोनिल को DCGI ने मंजूरी दे दी है. साथ ही WHO से कोरोनिल को 150 देशों में बेचने को मंजूरी मिली है. उन्होंने आगे कहा कि इस दुनिया को मैं बाजाक नहीं बल्कि एक परिवार मानता हूं. रामदेव ने ये भी कहा कि पूरी दुनिया कह रही है कि हमें इस रिसर्च को बहुत पहले छाप देना चाहिए था.
उन्होंने न्यूज नेशन से बातचीत में ये भी कहा कि भारत विरोधी ताकतें नहीं चाहती हैं कि आयुर्वेद की कोरोना दवा भारत में बने. इसीलिए पहले भी विरोध किया गया. अब सभी कह रहे हैं कि यह काम पहले होना चाहिए थे. पतंजलि मानवता की भलाई के लिए काम करती रहेगी.
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स्वामी रामदेव ने कहा कि डॉक्टर आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का विरोध कर रहे हैं. मेरा मानना है कि सैकड़ों सालों से आयुर्वेद से ही इलाज हो रहा है. कुछ लोग ऐसे हैं जो विदेशी दवा कंपनियों के एजेंट बतौर काम करते हैं. वहीं विरोध करते हैं. सभी ऐसे नहीं हैं. आईएमए में भी लोग अच्छे हैं.
बाबा रामदेव ने कहा कि एलोपैथी और आयुर्वेद का विवाद खत्म करने के लिए जरूरी है कि एमबीबीएस करने वाले को भी आयुर्वेद की शिक्षा दी जानी चाहिए.योग गुरु रामदेव ने कहा कि करोनिल के बाद अब भारत योग-आयुर्वेद में दुनिया को रास्ता दिखायेगा. कोरोनिल के लिए डब्ल्यूएचओ (WHO) की Good Manufacturing Practice के तहत भारत सरकार ने सीओपीपी\डीसीजीआई प्रमाण पत्र जारी किया है. यह स्पष्ट है कि डब्लूएचओ किसी भी ड्रग्स को स्वीकार या अस्वीकृत नहीं करता है.
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