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रामदास अठावले ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र, महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

महाराष्ट्र में आए सियासी बवाल के बीच अब रामदास अठावले ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. उन्होंने महाराष्ट्र की मौजूदा सियासी हालत को देखते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.

Updated on: 22 Mar 2021, 04:38 PM

highlights

  • रामदास अठावले ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा
  • रामदास आठवले ने राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की
  • महाराष्ट्र में कायदा-कानून पूरी तरह से डगमगा चुका है!

मुंबई:

महाराष्ट्र में आए सियासी बवाल के बीच अब रामदास अठावले ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. उन्होंने महाराष्ट्र की मौजूदा सियासी हालत को देखते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. आरपीआई के अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्ट्र में कायदा-कानून पूरी तरह से डगमगा चुका है, इसलिए राष्ट्रपति शासन की मांग की है. बता दें कि इससे पहले एक बार और रामदास अठावले ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मांग कर चुक हैं. उन्होंने कुछ दिन पहले महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था खराब होने का हवाला देते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी. आठवले ने कहा था कि जिस तरह से मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक रखने जैसी बड़ी साजिश में शामिल आपराधिक छवि वाले पुलिस कर्मी सचिन वाजे की गिऱफ्तारी हुई, उससे पता चलता है कि राज्य की कानून व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है.

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बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख विभिन्न जांचों में हस्तक्षेप कर रहे हैं. सिंह ने साथ ही देशमुख द्वारा किए जा रहे कई कथित भ्रष्टाचार मामले की सीबीआई से तत्काल निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है. सिंह ने शीर्ष अदालत से अपने तबादले के आदेश को रद्द करने का आग्रह किया, जिसे उन्होंने 'अवैध और मनमाना' करार दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि सबूत नष्ट होने से तुरंत पहले तत्काल सीबीआई जांच करवानी चाहिए.

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सिंह ने अपनी याचिका में कहा कि फरवरी 2021 से देशमुख पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के सचिन वाजे और एसीपी सोशल सर्विस ब्रांच, संजय पाटिल जैसे अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे थे.

याचिका में दावा किया गया था कि देशमुख ने उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये जमा करने का लक्ष्य दिया था. देशमुख ने उन्हें विभिन्न प्रतिष्ठानों और अन्य स्रोतों से धन इकट्ठा करने का निर्देश दिया. याचिका में महाराष्ट्र सरकार, गृह मंत्रालय और सीबीआई को मामले में प्रतिवादी बनाया गया है.

सिंह ने देशमुख के आवास के सीसीटीवी फुटेज को तुरंत कब्जे में लेने का निर्देश देने का आग्रह किया. याचिका के अनुसार, "अनिल देशमुख विभिन्न जांचों में हस्तक्षेप कर रहे हैं और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे कि वे एक विशेष तरीके से उनके द्वारा वांछित तरीके से आचरण करें. देशमुख द्वारा पद का दुरुपयोग करके इस तरह की सारी कार्रवाई करने के लिए उनके खिलाफ सीबीआई जांच जरूरी है."

सिंह ने साथ ही अपने तबादले को दुर्भावनापूर्ण और गलत करार दिया और साथ ही इसे रद्द करने की मांग की. वहीं महाराष्ट्र सरकार ने इससे पहले सिंह के तबादले को सही बताया था.