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अब नई तकनीक से होगा राम मंदिर निर्माण, जानें क्यों?

दिल्ली के तीन मूर्ति में राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक शुरू हो गई है. बैठक में मंदिर निर्माण को लेकर चर्चा होगी. इसमें तकनीकी पहलुओं पर विचार होगा, जिसके लिए सभी तकनीकी एजेंसियों को बुलाया गया है.

Updated on: 29 Dec 2020, 03:14 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली के तीन मूर्ति में राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक हुई गई है. बैठक में मंदिर निर्माण को लेकर चर्चा हुई. इसमें तकनीकी पहलुओं पर विचार हुआ, जिसके लिए सभी तकनीकी एजेंसियों को बुलाया गया था. बैठक ट्रस्ट की निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र की अध्यक्षता में हुई है. बैठक में फैसला लिया गया कि अब अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर की तकनीकी बदली जाएगी. 1200 पिलर पर मंदिर बनाने की योजना को बदल दिया गया और अब नए तकनीकि से मंदिर के बुनियाद को निर्माण होगा. जल्द ही एलएन टी और टाटा के अधिकारी और इंजीनियर करेंगे नई तकनीकी ने लिया फैसला. मंदिर की पश्चिम दिशा की ओर भी जाएगा किया. रिटेनिंग दीवाल का निर्माण. ये फैसला जमीन के अंदर मिट्टी शख्त न मिलने से लिया गया.

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बता दें कि अब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर निर्माण में सहयोग देने वाले लोगों को ऑनलाइन रसीद उपलब्ध कराएगा, लोग कई तरीकों से राम मंदिर निर्माण में सहयोग दे सकते हैं. जैसे- ऑनलाइन ट्रांजैक्शन, आरटीजीएस और नगद भुगतान की प्रक्रिया फिलहाल राम मंदिर निर्माण में दान देने के लिए इस्तेमाल की जा रही है. हालांकि अब घर बैठे ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने वालों को भी ट्रस्ट के खाते में पैसा आते ही एक रसीद भेजी जाएगी. रसीद दान देने वाले लोगों की ओर से दिए गए पोस्टल एड्रेस या ईमेल एड्रेस पर भेजी जा रही है.

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यह रसीद केवल श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा ही जारी की जा सकती है. इसमें डिजिटल सिग्नेचर और बार कोड दिया गया है जिससे इस की डुप्लीकेट कॉपी ना तैयार की जा सके और श्रद्धालुओं के साथ किसी भी तरीके की ठगी ना हो सके. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कैंप कार्यालय पर भी जो लोग नगद धनराशि का भुगतान कर रहे हैं उनको भी अब बारकोड से लगी कंप्यूटराइज डिजिटल सिग्नेचर युक्त रसीद दी जाएगी.