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समझ ले चीन अच्छे से... भारत को किसी ने छेड़ा तो वह छोड़ेगा नहीं

भारत जीरो-सम गेम कूटनीति में विश्वास नहीं करता है. उन्होंने कहा कि अगर भारत के किसी एक देश के साथ अच्छे संबंध हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि किसी अन्य देश के साथ उसके संबंध खराब हो जाएंगे.

Updated on: 16 Apr 2022, 08:07 AM

highlights

  • आने वाले समय में भारत शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से होगा एक
  • चीन को समझ आ गया है कि भारत को छेड़ना उसके हित में नहीं
  • रूस से परंपरागत संबंध का मतलब यह नहीं कि किसी और से दुश्मनी

नई दिल्ली:

चीन को सख्त संदेश देते हुए राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि अगर भारत को किसी ने नुकसान पहुंचाया तो वह भी बख्शेगा नहीं. इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में भारत एक शक्तिशाली देश के तौर पर उभरा है और दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं (Economy) में से एक बनने की ओर अग्रसर है. उन्होंने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए अमेरिका को एक सूक्ष्म संदेश भी दिया कि भारत जीरो-सम गेम की कूटनीति में विश्वास नहीं करता और किसी एक देश के साथ उसके संबंध दूसरे देश की कीमत पर नहीं हो सकते. जीरो-सम गेम उस स्थिति को कहा जाता है जिसमें एक पक्ष को हुए नुकसान के बराबर दूसरे पक्ष को लाभ होता है. 

चीन को दी नसीहत
रक्षा मंत्री ने कहा, 'मैं खुले तौर पर यह नहीं कह सकता कि भारतीय सैनिकों ने क्या किया और सरकार ने क्या फैसले लिए, लेकिन मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं चीन को एक संदेश गया है कि भारत को अगर कोई छेड़ेगा तो भारत छोड़ेगा नहीं. पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई 2020 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच सीमा गतिरोध शुरू हो गया था. 15 जून 2020 को गलवान घाटी में हुयी झड़पों के बाद गतिरोध और बढ़ गया. इन झड़पों में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. हालांकि चीन ने इस संबंध में कोई आधिकारिक ब्यौरा नहीं दिया.

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यूक्रेन पर जीरो-सम गेम नीति
यूक्रेन युद्ध के कारण रूस के संबंध में अमेरिकी दबाव का कोई सीधा संदर्भ दिए बिना सिंह ने कहा कि भारत जीरो-सम गेम कूटनीति में विश्वास नहीं करता है. उन्होंने कहा कि अगर भारत के किसी एक देश के साथ अच्छे संबंध हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि किसी अन्य देश के साथ उसके संबंध खराब हो जाएंगे. उन्होंने कहा, भारत ने कभी भी इस तरह की कूटनीति नहीं अपनाई है. भारत कभी भी इस तरह की कूटनीति नहीं अपनाएगा. हम अंतरराष्ट्रीय संबंधों में ‘जीरो-सम गेम’ में विश्वास नहीं करते हैं. सिंह ने कहा कि भारत ऐसे द्विपक्षीय संबंध बनाने में विश्वास करता है जिससे दोनों देशों को समान रूप से फायदा हो.

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बदली है भारत की छवि
उनकी टिप्पणी यूक्रेन संकट पर भारत की स्थिति और रियायती दर पर रूसी तेल खरीदने के फैसले पर अमेरिका में कुछ बेचैनी के बीच आई. उन्होंने कहा, भारत की छवि बदल गई है. भारत का सम्मान बढ़ा है. अगले कुछ वर्षों में दुनिया की कोई भी ताकत भारत को दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्था में से एक बनने से नहीं रोक सकती. भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि अतीत में दुनिया का कोई भी देश विकसित और समृद्ध होना चाहता था, तो वे हमेशा भारत के साथ जीवंत व्यापार स्थापित करने के बारे में सोचते थे. उन्होंने कहा, हमें 2047 में अपना 100वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के समय तक भारत में एक समान पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का लक्ष्य रखना चाहिए.