राजनाथ और अमेरिकी रक्षा मंत्री ने टेलीफोन पर की बातचीत, लद्दाख विवाद का मुद्दा उठा
घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने कहा कि सिंह तथा एस्पर ने द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि टेलीफोन पर यह वार्ता अमेरिकी पक्ष के आग्रह पर हुई.
दिल्ली:
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh)ने शुक्रवार को अपने अमेरिकी समकक्ष मार्क टी एस्पर के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और इस दौरान पूर्वी लद्दाख में भारत तथा चीन के बीच सीमा विवाद एवं क्षेत्र में समूचे सुरक्षा परिदृश्य पर प्रमुखता से चर्चा हुई. घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने कहा कि सिंह तथा एस्पर ने द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि टेलीफोन पर यह वार्ता अमेरिकी पक्ष के आग्रह पर हुई.
सूत्रों ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की आक्रामकता को लेकर चर्चा हुई और सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री को मुद्दे पर भारत की स्थिति से अवगत कराया. भारत और चीन के बीच गतिरोध के मुद्दे पर मंगलवार को विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और अमेरिका के राजनीतिक मामलों के उप विदेश मंत्री डेविड हैले के बीच भी चर्चा हुई थी.
इसे भी पढ़ें:कानपुर: पुलिसकर्मियों की शहादत से लेकर विकास दुबे की गिरफ्तारी और एनकाउंटर की पूरी कहानी, तारीख दर तारीख यहां पढ़ें
ऐसा माना जाता है कि अमेरिका पूर्वी लद्दाख में तेजी से बदलती स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है. बुधवार को, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि भारतीयों ने चीन की आक्रामक कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय विवाद उत्पन्न करने की चीन की आदत रही है और विश्व को इस तरह के डरान-धमकाने के कृत्यों को नहीं होने देना चाहिए.
पोम्पिओ ने वाशिंगटन में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने इस बारे (चीन की आक्रामकता) में कई बार विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की है. चीन ने अविश्वसनीय ढंग से आक्रामक कृत्यों को अंजाम दिया है. भारतीयों ने उसका जवाब देने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ किया है.’’ सिंह और एस्पर के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के संबंध में एक सूत्र ने कहा, ‘‘दोनों मंत्री नियमित तौर पर एक-दूसरे के संपर्क में रहे हैं. उन्होंने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और पारस्परिक हित के मुद्दों पर कई बार बात की है.
आज की वार्ता इसी जारी आदान-प्रदान का हिस्सा थी.’’ भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर करीब आठ सप्ताह से गतिरोध चला आ रहा था. गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद तनाव कई गुना बढ़ गया था. इस झड़प में चीनी सेना को भी नुकसान हुआ जिसका उसने अब तक ब्योरा नहीं दिया है.
अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सैनिकों के साथ झड़प में 35 चीनी सैनिक हताहत हुए. पिछले पांच दिनों में चीनी सेना ने भारतीय सेना के साथ बनी समझ के अनुरूप गतिरोध के तीन स्थानों से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है. दोनों पक्षों ने पिछले दिनों में क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर कई दौर की बात की है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
-
Arti Singh Wedding: आरती की शादी में पहुंचे गोविंदा, मामा के आने पर भावुक हुए कृष्णा अभिषेक, कही ये बातें
-
Lok Sabha Election 2024: एक्ट्रेस नेहा शर्मा ने बिहार में दिया अपना मतदान, पिता के लिए जनता से मांगा वोट
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Jayanti 2024: कब है शनि जयंती, कैसे करें पूजा और किस मंत्र का करें जाप
-
Vaishakh month 2024 Festivals: शुरू हो गया है वैशाख माह 2024, जानें मई के महीने में आने वाले व्रत त्योहार