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भारत के आंतरिक मामलों में 'अमेरिका की चुप्पी' पर राहुल गांधी ने उठाए सवाल, यूएस एक्सपर्ट से की शिकायत

राहुल गांधी ने हार्वर्ड कैनेडी स्कूल के अंबेसडर निकोलस बर्न्स के साथ वर्चुअल वीडियो मीटिंग में भाजपा की सरकार पर देश की संस्थागत ढांचे पर कब्जा कर लेने का आरोप लगाया और शिकायती लहजे में भारत में हो रही घटनाओं को लेकर अमेरिका की चुप्पी पर भी सवाल खड़े

Updated on: 03 Apr 2021, 11:40 AM

नई दिल्ली:

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत में लोकतंत्र को लेकर सवाल उठाए हैं. राहुल गांधी ने हार्वर्ड कैनेडी स्कूल के अंबेसडर निकोलस बर्न्स के साथ वर्चुअल वीडियो मीटिंग में भाजपा की सरकार पर देश की संस्थागत ढांचे पर कब्जा कर लेने का आरोप लगाया और शिकायती लहजे में भारत में हो रही घटनाओं को लेकर अमेरिका की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए.  निकोलस बर्न्स के साथ बातचीत में राहुल गांधी ने सवाल किया कि भारत में जो कुछ हो रहा है, उस पर अमेरिकी संस्थानों की ओर से कुछ सुनने को नहीं मिलता.  

यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री बनने का मौका मिलने पर उनकी आर्थिक नीति क्या होगी तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि वह नौकरियों के सृजन पर जोर देंगे. अर्थव्यवस्था को गति देने के उपाय से जुड़े सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा, 'अब सिर्फ एक ही विकल्प है कि लोगों के हाथों में पैसे दिए जाएं. इसके लिए हमारे पास 'न्याय' का विचार है.' उन्होंने चीन के बढ़ते वर्चस्व की चुनौती के बारे में पूछे जाने पर कहा कि भारत और अमेरिका जैसे देश लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ ही समृद्धि और विनिर्माण क्षेत्र के विकास से बीजिंग की चुनौती से निपट सकते हैं.

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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राहुल गांधी ने निकोलस बर्न्स के साथ बातचीत में कहा कि भारत में क्या हो रहा है, इस बारे में मुझे अमेरिकी प्रतिष्ठान से कुछ भी सुनने को नहीं मिला. अगर आप लोकतंत्र की साझेदारी की बात कर रहे हैं तो भारत में जो कुछ घट रहा है, उस पर अमेरिका क्यों नहीं बोलता. मेरा मतलब है कि यहां जो चल रहा है उस पर आपका (निकोलस बर्न्स) क्या विचार है. 

राहुल गांधी से जब पूछा गया कि प्रधानमंत्री बनने का मौका मिलने पर उनकी आर्थिक नीति क्या होगी तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि वह नौकरियों के सृजन पर जोर देंगे. उन्होंने कहा, 'मैं केवल विकास-केंद्रित विचार से नौकरी-केंद्रित विचार की ओर बढ़ना चाहूंगा. मैं कहना चाहूंगा कि हमें विकास की जरूरत है, मगर उत्पादन, रोजगार सृजन (जॉब क्रिएशन) और वैल्यू एडिशन को आगे बढ़ाने के लिए हम सब कुछ करने जा रहे हैं.'

संस्थाओं की नाकामी से हो रहा है जनआंदोलन
राहुल गांधी ने बर्न्स  से बातचीत के दौरान कहा कि देश की अहम संस्थाओं की विफलता के चलते ही लोग जनआंदोलन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं. किसान आंदोलन इसका उदाहरण है. राहुल गांधी ने कहा कि असम में कांग्रेस का चुनाव प्रचार अभियान संभालने वाले शख्स ने बीजेपी के लोगों की वोटिंग मशीन के साथ वीडियो तक भेजी है लेकिन ये राष्ट्रीय मीडिया में कहीं मुद्दा ही नहीं है.

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में संस्थागत ढांचे पर सत्तापक्ष की तरफ से पूरी तरह कब्जा कर लेने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि निष्पक्ष राजनीतिक मुकाबला सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार संस्थाएं अपेक्षित सहयोग नहीं दे रही हैं। उन्होंने अमेरिकी के जानेमाने शिक्षण संस्थान 'हार्वर्ड कैनेडी स्कूल के छात्रों के साथ ऑनलाइन संवाद में असम विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के एक विधायक की कार से ईवीएम मिलने का भी उल्लेख किया. इस कार्यक्रम की मेजबानी अमेरिका के पूर्व राजनयिक निकोलस बर्न्स ने की.