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राहुल की अगुवाई में संसद तक विपक्ष का साइकिल मार्च

संसद के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) में पेगासस जासूसी मामले को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है. कांग्रेस (Congress) की अगुवाई में कई विपक्षी पार्टियां इस मसले पर चर्चा चाहती हैं.

Updated on: 03 Aug 2021, 10:58 AM

नई दिल्ली :

यूपी चुनाव और संसद सत्र को देखते हुए विपक्षी दलों को एक साथ लाने की मुहिम में कांग्रेस एक बार फिर से जुट गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) एक बार फिर से सियासत के फ्रंटफुट पर खेलते नजर आ रहे हैं. संसद के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) में पेगासस जासूसी मामले को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है. कांग्रेस (Congress) की अगुवाई में कई विपक्षी पार्टियां इस मसले पर चर्चा चाहती हैं. विपक्षी एकता को दिखाते हुए मंगलवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेता साइकिल पर सवार होकर संसद तक पहुंचे.

बता दें कि किसानों के मुद्दे को लेकर राहुल गांधी हाल ही में ट्रैक्टर लेकर संसद पहुंचे थे, उन्होंने एक बार फिर से सामान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों को एक साथ लाने के लिए ब्रेकफास्ट रणनीति अपनाई है.

दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से आयोजित नाश्ते की बैठक के लिए लोकसभा और राज्यसभा के विपक्षी दल के नेता पहुंचेय मानसून सत्र की रणनीति बनाए जाने की बात हो रही है. 

राहुल गांधी ने जिन नेताओं को अपने साथ चाय-नाश्ता करने का न्योता दिया है उनमें एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, तमिलनाडु की सत्ता पर काबिज द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) है. इसके साथ ही समाजवादी पार्टी (एसपी), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को भी ब्रेकफास्ट पर बुलाया गया है. इसके अलावा राहुल गांधी ने आम आदमी पार्टी, सीपीआईएम, सीपीआई, नेशनल कॉन्फ्रेंस, आईयूएमएल, आरएसपी, केसीएम और वीसीके को भी चाय पर बुलाया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने करीब 17 पार्टियों को निमंत्रण भेजा है. ताकि इन्हें एक जुट कर मोदी सरकार के सामने एक मजबूत चुनौती पेश कर सके. 

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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राहुल गांधी के इस सियासी ब्रेकफास्ट में मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी शामिल नहीं होने जा रही है. 

राहुल गांधी की ब्रेकफास्ट में कौन-कौन से नेता शामिल होंगे इसका पूरी तरह पता नहीं चल पाया है. लेकिन जानकारी की मानें तो टीएमसी की ओर से सौगत रॉय, एनसीपी की तरह से सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल शामिल हो सकते हैं. राहुल गांधी चाय की चुस्की के साथ तमाम पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि उनका एजेंडा फिलहाल संसद में सरकार के सामने चुनौती पेश करना है. लेकिन दूसरा पक्ष बहुत व्यापक बताया जा रहा है.

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राहुल गांधी यूपी चुनाव को देखते हुए तमाम पार्टियों को एक साथ लाने की कोशिश में लगे हुए हैं. बता दें कि कुछ दिन पहले ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि कांग्रेस ये तय करे कि उसे यूपी में चुनाव बीजेपी से लड़ना है या फिर समाजवादी पार्टी से. यूपी में क्या कांग्रेस सपा एक साथ फिर चुनावी मैदान में उतरेगी इसपर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. लेकिन राहुल गांधी की ये कोशिश आनेवाले आम चुनाव को भी लेकर है.