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क्या बाबुल सुप्रियो जॉइन करेंगे दूसरी पार्टी? इस बयान में छिपा है जवाब

राजनीति से सन्यास लेने के बाद भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने सोमवार को जेपी नड्डा से मुलाकात की

Updated on: 02 Aug 2021, 09:13 PM

नई दिल्ली:

बाबुल सुप्रियो ( babul supriyo ) के राजनीति से सन्यास के ऐलान के बाद उनके दूसरी पार्टी में शामिल होने की अटकलें जोरों पर हैं. लेकिन बाबुल सुप्रियो ने सोमवार को एक बयान जारी कर इन सभी चर्चाओं और कयासों पर विराम लगा दिया है. सुप्रियो ने कहा कि मैं आसनसोल, पश्चिम बंगाल में संवैधानिक रूप से (सांसद के रूप में) काम करना जारी रखूंगा. उन्होंने कहा कि मैं किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं होऊंगा. इसके साथ ही मैं दिल्ली में सांसद का बंगला खाली करूंगा और सुरक्षाकर्मियों को उनकी ड्यूटी से जल्द मुक्त करूंगा. आपको बता दें कि भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ( BJP MP Babul Supriyo ) ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ( BJP President JP Nadda ) से मुलाकात की. भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद सुप्रियो ने किसी दूसरी पार्टी में शामिल न होने की घोषणा की. 

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आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ( BJP MP Babul Supriyo ) ने हाल ही में राजनीति से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के माध्यम से यह ऐलान किया था. फेसबुक पर एक पोस्ट ​लिखते हुए उन्होंने राजनीति से अलविदा कह दिया. पोस्ट में बाबुल ने लिखाा कि "अलविदा! मैं किसी राजनीतिक दल में नहीं जा रहा हूं. टीएमसी, कांग्रेस, सीपीआई (एम) ने मुझे किसी ने नहीं बुलाया है, मैं कहीं नहीं जा रहा हूं ... सामाजिक कार्य करने के लिए राजनीति में होने की आवश्यकता नहीं है," 

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आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से भाजपा में बाबुल सुप्रियो के कम होते रोल को लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे थे. यहां तक कि अटकलें लगाई जा रही थीं कि बाबुल निकट भविष्य में कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. अब सोशल मीडिया में बाबुल ने उन तमाम विवादों पर खुलकर और विस्तारपूर्वक चर्चा की है. बाबुल ने अपनी फेसबुक पोस्ट में स्पष्ट कहा कि पार्टी में उनके कुछ मतभेद थे. वो सभी बातें चुनाव से पहले ही पब्लिक में आ चुकी थीं. उन्होंने लिखा कि हार के लिए वह पूरी ईमानदारी से जिम्मेदारी उठाते हैं, लेकिन इसके लिए अन्य नेता भी उतने ही जवाबदेह हैं. बाबुल सुप्रियो ने कहा कि वह लंबे समय से पार्टी छोडऩे का मन बना रहे थे. उन्होंने पहले ही सोच लिया था कि अब राजनीति में और नहीं रहना है. लेकिन इस बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के रोकने पर वह रुक गए थे और अपना फैसला वापस ले लिया था.