कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने नीति आयोग के एक सदस्य के कुछ हफ्ते पुराने एक बयान एवं ग्राफ का हवाला देते शुक्रवार को मोदी सरकार (Modi Government) पर तंज कसा और कहा कि इस संस्था के जुड़े प्रतिभाशाली लोगों को उनकी बात याद दिलाना चाहते हैं. गांधी ने ट्वीट किया कि नीति आयोग के लोगों प्रवीण लोगों, आप लोगों ने फिर वही किया. मैं आपके उस अनुमान वाले ग्राफ के बारे आपको याद दिलाना चाहता हूं, जिसमें कहा गया था कि सरकार की राष्ट्रीय लॉकडाउन की रणनीति से 16 मई के बाद कोरोना का कोई नया मामला नहीं आएगा.
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खबरों के मुताबिक, नीति आयोग के सदस्य और कोरोना से जुड़े कार्य बल के प्रमुख वीके पॉल ने कुछ हफ्ते पहले कहा था कि कोरोना के मामलों के दोगुना होने में 10 दिन का समय लग रहा है. संभावना वाले ग्राफ के मुताबिक 3 मई से भारत में प्रति दिन 1,500 से अधिक नए मामले आने चाहिए थे और इस समय तक कोरोना मामलों की संख्या चरम पर होनी चाहिए थी. उन्होंने यह भी कहा था कि फिर मामले घटने शुरू होंगे और 12 मई तक 1000 मामले प्रतिदिन आएंगे, जो 16 मई से घटने शुरू हो जाएंगे.
कोविड-19: नीति आयोग के सदस्य ने कहा, भारत में मृत्यु दर गंभीर नहीं
नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने सोमवार को कहा कि भारत में कोरोना वायरस महामारी की मृत्यु दर "गंभीर" नहीं है और देश के आकार को देखते हुए बीमारी का प्रभाव "बहुत सीमित" है. पॉल "कोविड-19 इंडिया मुकाबला- रणनीति एवं भावी मार्ग विषय पर ऑनलाइन आयोजित एक सत्र को संबोधित कर रहे थे. इस चर्चा में नीति आयोग में सलाहकार (स्वास्थ्य) आलोक कुमार ने भी हिस्सा लिया.
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वायरस के प्रकोप से निपटने के प्रयासों के समन्वय के लिए गठित समिति के प्रमुख पॉल ने कहा कि 21 दिन का लॉकडाउन (बंद) "सदी का निर्णय" है और काफी हद तक इसका उद्देश्य हासिल कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि हम बहुत निश्चित हैं कि यह (कोविड-19) एक प्रकोप नहीं है जो देश के किसी भी हिस्से में गंभीर मृत्यु दर पैदा कर रहा है. हमने यह भी नहीं सुना है कि सरकारी या निजी अस्पतालों के आईसीयू भरे पड़े हैं जबकि यूरोप में आईसीयू भरे पड़े हैं.
उन्होंने कहा कि पहले की अन्य महामारियों की तुलना में कोरोना वायरस तेज़ी से फैला. पॉल ने कहा कि भारत को रोज़ाना 1,50,000 नए मामलों से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए जैसा इटली ने तब अनुभव किया था जब यह अपने चरम पर थी. उन्होंने कहा कि हमारे देश के आकार को देखते हुए हमारे यहां यह बीमारी बहुत सीमित है, क्योंकि हमने प्रभावी कदम जल्दी उठाए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यदि हम सतर्क नहीं रहे तो स्थिति ऐसी ही रहेगी।" उन्होंने यह भी कहा कि हम चीजों का आकलन करके आर्थिक गतिविधियों को खोलेंगे.