राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में सुधार चाहती है केंद्र सरकार, दायर किया हलफनामा

सरकार ने अर्जी में कहा है कि राफेल की कीमत की जानकारी कैग को दी गई है लेकिन अभी तक कैग की रिपोर्ट पीएसी के सामने नहीं रखी गई है.

सरकार ने अर्जी में कहा है कि राफेल की कीमत की जानकारी कैग को दी गई है लेकिन अभी तक कैग की रिपोर्ट पीएसी के सामने नहीं रखी गई है.

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Deepak K
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राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में सुधार चाहती है केंद्र सरकार, दायर किया हलफनामा

सुप्रीम कोर्ट

राफेल फैसले आने के बाद विपक्ष से कोर्ट को गुमराह करने के आरोप झेल रही सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नई अर्जी दायर की है. सरकार का कहना है कि राफेल मामले में सीलबंद कवर में दी गई उसकी जानकारी को कोर्ट ने फैसले की कुछ पंक्तियों में ग़लत तरीके से पेश कर दिया है. सरकार ने अर्जी में कहा है कि राफेल की कीमत की जानकारी कैग को दी गई है लेकिन अभी तक कैग की रिपोर्ट पीएसी के सामने नहीं रखी गई है. हमने दरअसल कोर्ट को पूरी प्रकिया की जानकारी दी थी कि कैग की रिपोर्ट की पीएसी जांच करती है. उसके बाद रिपोर्ट संसद में रखी जायेगी,लेकिन फैसले में लिखा गया कि कैग की रिपोर्ट पीएसी देख चुकी है और रिपोर्ट संसद में रखी जा चुकी है, पब्लिक डोमेन है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से फैसले के पैराग्राफ 25 की लाइनों में ज़रूरी बदलाव की मांग की है.

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फैसले में क्या लिखा गया था

सुप्रीम कोर्ट के 29 पेज के फैसले के पैराग्राफ 25 में कोर्ट ने कहा था कि हमारे सामने रखे सबूतों से साफ है कि सरकार ने संसद में बेसिक एयरक्राफ्ट की कीमत के खुलासा के सिवाय, बाकी पूरी कीमत का खुलासा नहीं किया है. सरकार का कहना है कि ऐसा करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है और ये दो देशों के बीच समझौते का उल्लंघन होगा. हालांकि कीमत की जानकारी कैग (CAG) को दे दी गई है और कैग (CAG) की रिपोर्ट संसद की लोक लेखा समिति को सौपी गई है. रिपोर्ट का एक संसोधित संसद में रखा गया है और सार्वजनिक हुआ है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को इसी मामले में केंद्र सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था. राहुल ने कहा कि इस तरह की कोई बैठक नहीं हुई थी.  राहुल ने कहा, "आज सर्वोच्च न्यायालय ने एक फैसला दिया और मैं उसकी तीन पंक्तियां पढ़ना चाहता हूं. 'मूल्य के विवरण नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) को दिए गए और CAG की रिपोर्ट का लोक लेखा समिति (PAC) ने परीक्षण किया'. यह फैसले का आधार है."

वहीं PAC के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे, और उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई रिपोर्ट समिति के सामने नहीं आई और सीएजी को भी इसके बारे में पता नहीं है.

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लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'वे मामले में अदालत के फैसले के पीछे अपनी चोरी को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'गृहमंत्री की ओर से लोकसभा में बयान देने के बाद कांग्रेस को स्पष्टीकरण मांगने का मौका नहीं दिया गया.'

उन्होंने कहा, 'हमारी मांग लगातार जेपीसी को लेकर है. वह फैसले के पीछे छिपना चाहते हैं..हम इसे सहन नहीं करेंगे, और न ही देश के लोग इसे सहेंगे.'

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों से कहा कि विमान सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है. सुरजेवाला ने कहा, 'सौदे में बहुस्तरीय भ्रष्टाचार हुआ है. हम जानते हैं कि सर्वोच्च न्यायालय के पास सभी पहलुओं पर विचार करने की शक्ति नहीं है. इसलिए कांग्रेस मामले में कभी भी सर्वोच्च न्यायालय नहीं गई.'

उन्होंने कहा, 'मैं जेपीसी जांच के लिए नरेंद्र मोदी को चुनौती देता हूं. अगर आप डरे हुए नहीं हैं, तो फिर जेपीसी से जांच क्यों नहीं करवाते. सरकार को यह बताना होगा कि क्यों प्रति विमान कीमत 526 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,670 करोड़ रुपये हो गई.'

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सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में सौदे के बारे में 'अधूरी' जानकारी दी.

Source : Arvind SIngh

Rafale Deal Modi government files new affidavit in Supreme Court seeking correction in judgment
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