Rafale deal : राफेल डील का ये हुआ असर, फ्रांस सरकार ने भारत के लिए कही ये बात
बता दें कि राफेल विमान की खरीद को लेकर ओलांद के बयान ने भारत में पहले से इस पर चल रहे विवाद को हवा दे दी है.
नई दिल्ली:
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति की ओर से राफेल सौदे पर दिए गए बयान के बाद भारत में राफेल पर छिड़ी राजनीतिक जंग और तेज होती जा रही है. वहीं राफेल विवाद अब फ्रांस सरकार के लिए भी चिंता का विषय बनती जा रही है. फ्रांस सरकार ने रविवावर को आशंका जताई है कि पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के राफेल पर दिए गए बयान के बाद भारत और उसके संबंध खराब हो सकता है. बता दें कि राफेल विमान की खरीद को लेकर ओलांद के बयान ने भारत में पहले से इस पर चल रहे विवाद को हवा दे दी है.
एक फ्रांसीसी वेबसाइट ने एक लेख में ओलांद के हवाले से कहा था कि भारत सरकार ने फ्रांस सरकार से रिलायंस डिफेंस को इस सौदे के लिए भारतीय साझीदार के रूप में नामित करने के लिए कहा था.
ओलांद ने पिछले साल मई में फ्रांस के राष्ट्रपति का पद छोड़ा था. शुक्रवार को उन्होंने कहा था कि अपनी एक भारत यात्रा के दौरान फ्रांस की विमान कंपनी दसॉल्ट एविएशन को 2016 में भारतीय प्रशासन के साथ हुये सौदे के तहत भागीदार चुनने में कोई विकल्प नहीं दिया गया था.
वहीं राफेल विमानों के निमार्ता दसॉल्ट एविएशन ने भी शुक्रवार रात अपने बयान में कहा कि दसॉल्ट एविएशन ने भारत के रिलायंस ग्रुप के साथ साझीदारी करने का फैसला किया था. यह दसॉल्ट एविएशन का फैसला था.
ओलांद के इस खुलासे के बाद दसॉल्ट के सामने इसमें कोई विकल्प नहीं था, मामले को और हवा मिल गई. भारत में विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने मामले में अनिल अंबानी की मदद की है। अंबानी उसी राज्य से आते हैं जहां से मोदी आते हैं और वह उनका समर्थक है.
और पढ़ें: राफेल डील को लेकर राहुल का पीएम पर हमला, कहा- मोदी बताएं ओलांद सही कह रहे हैं या झूठ
ओलांद के बयान पर रविवार को फ्रांस के कनिष्क विदेश मंत्री जीन-बापटिस्ट लीमोयने ने कहा, 'मेरा मानना है कि यह जो बयान दिया गया है, इससे किसी का भला नहीं होने वाला है और सबसे बड़ी बात है कि इससे फ्रांस की कोई फायदा नहीं होने वाला है.'
रेडियो जे को दिए एक साक्षात्कार में लीमोयने ने कहा, 'कोई भी जब पद पर नहीं है.और वह ऐसा वक्तव्य देता है जिससे भारत में विवाद खड़ा होता है और भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक भागीदारी को नुकसान पहुंचाता है यह वास्तव में उचित नहीं है.'
ओलांद का यह बयान खुद के बचाव में आया है. उन पर आरोप है कि उनकी गर्लफ्रेंड जूली गेएट ने 2016 में एक फिल्म का निर्माण अंबानी की कंपनी के सहयोग से किया. यह निश्चित तौर पर हितों के टकराव को दिखाता है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दसॉल्ट से 36 राफेल जेट विमान खरीदने का समझौता किया है. इस सौदे के बाद दसाल्ट ने अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस डिफेंस के साथ भागीदारी तय की.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
-
SRH vs LSG : हेड-अभिषेक का तूफान, हैदराबाद ने 9.4 ओवर में चेज किया 166 का लक्ष्य, लखनऊ को 10 विकेट से रौंदा
-
SRH vs LSG Dream11 Prediction: हैदराबाद और लखनऊ के मैच में ये हो सकती है बेस्ट ड्रीम11 टीम, इसे चुनें कप्तान
-
DC vs RR : कुलदीप-मुकेश कुमार की घातक गेंदबाजी, दिल्ली ने राजस्थान को 20 रनों से हराया
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: क्यों खास है इस वर्ष अक्षय तृतीया? ये है बड़ा कारण
-
Amavasya Ke Totke: दुश्मनों से हैं परेशान या कोई फैला रहा है नेगेटिव एनर्जी, तो आज रात करें ये उपाय
-
Chanakya Niti: चाणक्य के अनुसार क्या है मनुष्य का असली धर्म, यहां जानिए
-
Rajarajeshwar Temple: राजराजेश्वर मंदिर की क्या है खासियत जहां पीएम मोदी ने टेका माथा