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कैप्टन अमरिंदर और नवजोत सिद्धू की लड़ाई में फंसी कांग्रेस, और बढ़ेगा टकराव!

नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप खुद कांग्रेस ही इसमें फंसती नजर आ रही है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि जल्द ही टिकट बंटवारे को लेकर दोनों गुटों में मतभेद सामने आने लगेंगे.

Updated on: 27 Aug 2021, 08:14 AM

highlights

  • अमरिंदर और नवजोत सिद्धू के बीच जारी है टकराव
  • सिद्धू के सलाहकारों के कारण उपजा नया विवाद
  • टिकट बंटवारे को लेकर नया विवाद आ सकते है सामने

चंडीगढ़:

पंजाब में कांग्रेस का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है. नवजोत सिंह सिद्धू की प्रदेश अध्यक्ष पद पर ताजपोशी के भले ही पार्टी ने एकजुटता दिखाने की कोशिश की हो लेकिन आपसी मतभेद लगातार खुलकर सामने आ रहे हैं. दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप खुद कांग्रेस ही इसमें फंसती नजर आ रही है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि जल्द ही टिकट बंटवारे को लेकर दोनों गुटों में मतभेद सामने आने लगेंगे. दोनों गुट अपने-अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की कोशिश करेंगे. ऐसा इसलिए कि जीत के बाद विधायकों की संख्या को लेकर आलाकमान से मोलभाव किया जा सके. 

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अंदरूनी कलह से जूझ रही पार्टी
पंजाब कांग्रेस पिछले तीन-चार महीने से अंदरूनी कलह से जूझ रहे हैं. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जब पार्टी कार्यकर्ताओं को इसकी तैयारी में जुटना है तब आपसी मतभेद उनके जोश को ठंडा कर रहे हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि यह स्थिति पार्टी के लिए अच्छी हीं है. चुनाव से पहले दोनों गुटों को आपसी मतभेद दूर करने चाहिए. जब समय विपक्षी पार्टियों से मुकाबला करने का है तो पार्टी अपने ही नेताओं के बीच कलह को दूर करने में जुटी है.  

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आलाकमान को देना चाहिए सख्त निर्देश
वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू के बीच बयानबाजी को खत्म करने के लिए आलाकमान को सख्त निर्देश देने चाहिए. इस पर फैसला जल्द देना चाहिए. चुनाव से पहले दोनों की गुट एक टिकट बंटवारे को लेकर समर्थकों के साथ खड़े होंगे. ऐसी स्थिति पार्टी के लिए अच्छी नहीं होगी. पार्टी में ताजा विवाद नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकारों की वजह से पैदा हुआ है. वहीं कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने संकेत दिए हैं कि सिद्धू के सलाहकारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.