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पंजाब की रारः कप्तान दे रहे डिप्टी सीएम पद, सिद्धू अड़े प्रदेश अध्यक्ष पर

नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) उप-मुख्यमंत्री पद का ऑफर ठुकरा प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए अड़ गए हैं, जो कप्तान साहिब को स्वीकार नहीं है.

Updated on: 17 Jun 2021, 01:24 PM

highlights

  • हरीश रावत को उम्मीद जुलाई तक सुलझ जाएगा मसला
  • सिद्धू प्रदेश अध्यक्ष पर अड़े. लेकिन सीएम नहीं मान रहे
  • डिप्टी सीएम पद सिद्धू के लिए हेठी का विषय

चंडीगढ़/नई दिल्ली:

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस (Congress) में मची कलह को थामने की कोशिशों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. विवाद को खत्म करने के लिए बनाई गई समिति की रिपोर्ट सामने आने वाली है. हालांकि चुनावों से पहले रार थामने की आलाकमान की तमाम कोशिशों पर अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है. इसकी बड़ी वजह नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) का उप-मुख्यमंत्री पद का ऑफर ठुकरा देना और प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए अड़ना बताया जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि नवजोत सिद्धू ने कैप्टन के नेतृत्व में डिप्टी सीएम बनने से सिरे से इंकार कर दिया है. उनका कहना है कि यदि वह इस पद को स्वीकार भी कर लेते हैं, तो सहज नहीं रह पाएंगे. इसकी बजाय वह प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी चाहते हैं, जो सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) को मंजूर नहीं है.

कप्तान चाहते अध्यक्ष पद हिंदू को मिले
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की राय है कि प्रदेश अध्यक्ष का पद किसी हिंदू नेता को मिलना चाहिए ताकि अगले साल होने वाले चुनावों में संतुलन साधा जा सके. इससे मतदाताओं पर भी असर होगा. सूत्रों के मुताबिक बीते सप्ताह राहुल गांधी ने पंजाब के मसले को हल करने के लिए बने पैनल से बातचीत की थी, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका. मीडियी रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदेश प्रभारी हरीश रावत का मानना है कि इस मसले का हल जुलाई तक निकल सकता है. वह कहते पाए गए कि पंजाब का मामला जुलाई में सुलझ जाएगा, जब मॉनसून पंजाब पहुंच जाएगा.  

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सिद्धू को नहीं चाहिए डिप्टी सीएम पद
यही नहीं, उनका कहना था कि पंजाब कांग्रेस में आमूलचूल परिवर्तन किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमें संतुलन साधने की जरूरत है और अगले साल होने वाले चुनावों से पहले सभी को साथ लेकर चलना चाहिए. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सिद्धू ने पैनल से साफ तौर पर कह दिया है कि वह डिप्टी सीएम के पद के लिए तैयार नहीं हैं और प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं. वहीं सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह किसी हिंदू नेता को यह जिम्मेदारी देने के पक्ष में हैं. कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि फिलहाल पंजाब में दोनों नेताओं के बीच बर्फ पिघलती नहीं दिख रही है क्योंकि दोनों ही अपने-अपने पक्ष से जरा भी झुकने को तैयार नहीं हैं.