भारत-चीन (India China) के बीच खूनी झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद (Martyr) हो गए. गलवान घाटी में हुई इस घटना को लेकर पूरे देश में रोष है. भारत और चीन के बीच तनाव के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर हर पॉलिटिकल पार्टी सवाल उठा रही है. कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद अब कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी पीएम मोदी की चुप्पी पर निशाना साधा है. प्रियंका ने ट्वीट कर कहा कि हमारी जमीन, हमारी संप्रभुता खतरे में है, क्या हम खामोश ही रहेंगे? साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे जवान, हमारे अधिकारी शहीद हुए हैं. क्या हम खामोश ही रहेंगे? भारत सच जानना चाहता है. भारत को ऐसा नेतृत्व मिलना चाहिए, जो अपनी ज़मीन पर कब्ज़ा होने से रोकने के लिए कुछ भी कर गुज़रने के लिए तैयार हो. सामने आइए, नरेंद्र मोदी जी, यह वक्त चीन के सामने डटकर खड़े होने का है.
यह भी पढ़ें- वाराणसी में चीन के खिलाफ लोगों का फूटा गुस्सा, चीनी झंडा और शी जिनपिंग का फूंका पुतला
उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में चौकसी बढ़ा दी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद चीन की सीमा से सटे राज्यों में आईटीबीपी के जवानों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है. उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में चौकसी बढ़ा दी गई है. गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर सोमवार रात हुई हिंसक झड़प में कम से कम 20 भारतीय जवान शहीद हुए हैं. पहले एक अफसर सहित तीन जवानों के शहीद होने की खबर आई थी, लेकिन देर शाम एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि 20 भारतीय जवान शहीद हुए हैं. एएनआई ने यह भी जानकारी दी कि यह आंकड़ा और बढ़ भी सकता है. उधर सूत्रों के अनुसार यह भी खबर आ रही है कि चीन की सेना के घायल और मारे गए सैनिकों की संख्या भी 43 से अधिक है.
यह भी पढ़ें- गलवान घाटी में 20 जवानों की शहादत पर अमिताभ बच्चन ने कहा, जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी
प्रधानमंत्री मोदी की पूरे हालात पर नजर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूरे मामले में नजर बनाए हुए हैं. इस मामले में लगातार बैठकों का दौर जारी है. इस मामले में पल पल की जानकारी ली जा रही है. विदेश मंत्रालय भी चीन के साथ संपर्क में है. दरअसल यह घटना तब हुई जब सोमवार रात को गलवान घाटी के पास दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद सबकुछ सामान्य होने की स्थिति आगे बढ़ रह थी. इससे पहले विदेश मंत्रालय ने इस मामले में बयान जारी कर कहा था कि भारत ने हमेशा LAC का सम्मान किया और चीन को भी ऐसा करना चाहिए. मंत्रालय ने कहा कि LAC पर कल जो हुआ, उससे बचा जा सकता था.