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प्रधानमंत्री मोदी आज से बांग्लादेश दौरे पर, बंगाल चुनाव से लेकर कूटनीति तक...समझिए दौरे के मायने

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश दौरा (PM Narendra Modi Bangladesh Visit) : बंगाल में शनिवार को होने जा रहे पहले चरण के मतदान के बीच PM मोदी आज से अपने दो दिवसीय बांग्लादेश दौरे के लिए रवाना हो गए हैं.

Updated on: 26 Mar 2021, 09:16 AM

highlights

  • PM मोदी आज से बांग्लादेश दौरे पर
  • बंगाल में चुनाव के बीच मोदी की यात्रा
  • कई वजहों से अहम है ये मोदा का दौरा

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में शनिवार को होने जा रहे पहले चरण के मतदान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज से अपने दो दिवसीय बांग्लादेश दौरे के लिए रवाना हो गए हैं. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के न्योते पर नरेंद्र मोदी दो दिन (26 और 27 मार्च) की बांग्लादेश (Bangladesh) यात्रा पर जा रहे हैं. अपनी इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ढाका में बापू बंगबंधु डिजिटल वीडियो प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे. वह बांग्लादेश के विदेश मंत्री से भी मुलाकात करेंगे और राष्ट्रीय दिवस समारोह (National Day program) में हिस्सा लेंगे. हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी के इस दौरे के राजनीतिक मायने लगाए जा रहे हैं.

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पीएम मोदी की यात्रा के राजनीतिक मायने

पश्चिम बंगाल में शनिवार को पहले चरण में वोट डाले जाएंगे. पहले चरण में विधानसभा की 30 सीटों पर मतदान होगा. ऐसे में पीएम मोदी कोरोना काल में अपने पहले विदेश दौरे पर होंगे, वो भी बंगाल से सटे बांग्लादेश में. पीएम नरेंद्र मोदी अपनी बांग्लादेश यात्रा के दौरान वहां अनुसूचित जाति समूह मतुआ समुदाय के संस्थापक हरिचांद ठाकुर की जन्मस्थली जाएंगे. शनिवार को वह मतुआ समुदाय के लोगों से मिलेंगे. उनकी इस मुलाकात के राजनीतिक मायने से देखा जाए तो पश्चिम बंगाल में मतुआ समुदाय एक बड़ा वोट बैंक है.

पश्चिम बंगाल की कम से कम छह संसदीय सीटों में इनकी उपस्थिति है और 70 विधानसभा सीटों पर असर रखता है. मसलन, प्रधानमंत्री मोदी की बांग्लादेश में मतुआ समुदाय से मुलाकात एक चुनावी रणनीति मानी जा सकती है. मातुआ समुदाय की जड़े बांग्लादेश से जुड़ी हुई हैं. विभाजन के दौरान ये बड़ी संख्या में पश्चिम बंगाल में चले आए, खासकर 2001-02 में खालिदा जिया की सरकार के समय में हिंदू-विरोधी अभियानों के दौरान भी इनका स्थानांतरण हुआ. इस समुदाय के नेताओं के मुताबिक, इनकी आबादी तीन करोड़ है, हालांकि इस पर कोई आधिकारिक गिनती उपलब्ध नहीं है.

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मोदी की यह यात्रा इन तीन वजहों से भी चर्चा में

हालांकि राजनीतिक मायनों को छोड़ें तो पीएम नरेंद्र मोदी की यह यात्रा तीन वजहों से चर्चा में है. पहली- मुजीब बोरशो, शेख मुजीबुर्रहमान की जन्म शताब्दी, दूसरी- भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 साल और तीसरी- बांग्लादेश की स्‍वतंत्रता के लिए हुए युद्ध के 50 साल के स्मरणोत्सव से संबंध रखती है. इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम में मुख्‍य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शेख हसीना के साथ द्विपक्षीय वार्तालाप के अलावा, बांग्लादेश के राष्ट्रपति मौ. अब्दुल हामिद,  बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. ए.के. अब्दुल मोमेन के साथ भेंट भी शामिल हैं.

497 दिनों बाद PM नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा पर

अहम बात यह भी है कि कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद यह प्रधानमंत्री की पहली विदेश यात्रा है. 497 दिनों के बाद नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा कर रहे हैं. इससे पहले पीएम मोदी ने नवंबर 2019 में आखिरी दौरा ब्राजील का किया था. जबकि प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश में अपना पिछला दौरा 2015 में किया था. पीएम मोदी के लिए पिछला साल 2020 ऐसा रहा, जब वह किसी विदेशी यात्रा पर नहीं गए. हालांकि कोरोना संकट के बीच इस दौरान प्रधानमंत्री ने कई विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के साथ और कुछ अहम बहुपक्षीय सम्मेलनों में वर्चुअल समिट की है.