PM मोदी बोले, हम दिल्ली के दफ्तर में बैठकर नहीं, ग्राउंड रिपोर्ट लेकर करते हैं फैसले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डॉ.जोसेफ मार थोमा मेट्रोपॉलिटन की 90वीं जयंती समारोह में उद्घाटन किया है.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डॉ. जोसेफ मार थोमा मेट्रोपॉलिटन की 90वीं जयंती समारोह में शामिल हुए. इस समारोह में भारत और विदेश से मार थोमा चर्च के कई अनुयायी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया. समारोह में मौजूद लोगों को संबोधित कहते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम सब श्रद्धेय जोसेफ मार थोमा मेट्रोपॉलिटन के 90वें जन्मदिन के विशेष अवसर पर एकत्र हुए हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपना जीवन हमारे समाज और राष्ट्र की बेहतरी के लिए समर्पित कर दिया है. उन्हें गरीबी हटाने और महिलाओं के सशक्तिकरण का शौक रहा है.
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नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस चर्च ने आपातकाल की लड़ाई लड़ी। यह बहुत गर्व की बात है कि मार थोमा चर्च भारतीय मूल्यों में दृढ़ता से निहित है. चर्च के योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता मिली है. उन्होंने कहा कि द मार थोमा चर्च ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका निभाई. चर्च राष्ट्रीय एकीकरण की दिशा में काम करने में सबसे आगे था.
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने देश में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर कहा कि लॉकडाउन की वजह से सरकार और लोगों द्वारा लड़ी जा रही लड़ाई में कई पहल की गईं, भारत की स्थिति अन्य देशों की तुलना में बहुत बेहतर है. भारत में रिकवरी रेट बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 लोगों की जिंदगी को जोखिम में डालने वाली न केवल शारीरिक बीमारी है, बल्कि यह अस्वस्थ जीवनशैली की ओर भी ध्यान दिलाती है.
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मोदी ने कहा कि अमेरिका, स्पेन, ब्रिटेन और फ्रांस के आंकड़े भारत की तुलना में बहुत अधिक हैं. लड़ाई से प्रेरित लोगों ने अब तक अच्छे परिणाम दिए हैं. उन्होंने कहा कि हमने दिल्ली के आरामदायक सरकारी दफ्तरों से नहीं, बल्कि जमीनी तौर पर लोगों से मिले फीडबैक के बाद फैसले लिए. पीएम ने कहा कि जहां एक ओर रोकथाम महत्वपूर्ण है, वहीं हमें 130 करोड़ भारतीयों के लिए आर्थिक विकास पर भी ध्यान केंद्रित करना है. उन्होंने कहा कि व्यापार और वाणिज्य के पहियों को स्थानांतरित करना होगा. कृषि को फलना-फूलना है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मानिर्भर भारत का आह्वान प्रत्येक भारतीय के लिए आर्थिक मजबूती और समृद्धि सुनिश्चित करेगा. एक महीने पहले, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना को मंजूरी दी. यह योजना हमारे मत्स्य पालन क्षेत्र को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ बदलने जा रही है. इसका उद्देश्य निर्यात आय में वृद्धि करना है और 55 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करना है.
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