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PM मोदी बोले- हमारी 'पड़ोसी पहले' नीति का बांग्लादेश महत्वपूर्ण स्तंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वर्चुअल शिखर समिट में हिस्सा लिया.

Updated on: 17 Dec 2020, 12:06 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वर्चुअल शिखर समिट में हिस्सा लिया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विजय दिवस के तुरंत बाद आज की हमारी मुलाकात विशेष महत्व रखती है. एंटी-लिबरेशन ताकतों पर बांग्लादेश की ऐतिहासिक जीत को आपके साथ विजय दिवस के रूप में मनाना हमारे लिए गर्व की बात है. शेख हसीना ने भारतीय प्रधानमंत्री को बांग्लादेश आने का न्योता दिया, जिस पर नरेंद्र मोदी ने उनका धन्यवाद दिया.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'अगले वर्ष बांग्लादेश यात्रा के निमंत्रण के लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूं. आपके साथ बंगबंधु को श्रद्धांजलि अर्पित करना मेरे लिए गर्व की बात होगी.' पीएम मोदी ने कहा, 'बांग्लादेश हमारी नेबरहुड फर्स्ट नीति का एक प्रमुख स्तंभ है. बांग्लादेश के साथ संबंधों मे मजबूती और गहराई लाना मेरे लिए पहले दिन से ही विशेष प्राथमिकता रही है.' पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीन को लेकर भी पड़ोसी मुल्क को भरोसा दिलाया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैक्सीन के क्षेत्र में हमारे बीच अच्छा सहयोग चल रहा है, इस सिलसिले में हम आपकी आवश्यकताओं का भी विशेष ध्यान रखेंगे. उधर, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा, 'दुनिया के सबसे ज्यादा प्रभावित और आबादी वाले जोन में से एक में जिस तरह से आपकी (मोदी) सरकार ने कोरोना वायरस का सामना किया उसकी मैं सराहना करती हूं.' उन्होंने कहा, 'हेल्थकेयर पैकेज से अलग, आत्मनिर्भर भारत के अंदर जो आर्थिक पैकेज शुरू किए गए वो प्रशंसनीय हैं.'

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शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संयुक्त रूप से बंगबंधु-बापू डिजिटल एग्जीबिशन और शेख मुजीबुर रहमान पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया. इसके अलावा दोनों नेताओं ने भारत और बांग्लादेश के बीच चिल्हाटी-हल्दीबाड़ी रेल लिंक का उद्घाटन किया किया. इस मौके पर दोनों नेता पुराने रेल मार्ग (चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल मार्ग) को 55 वर्षों बाद पुन: खोले जाने के गवाह भी बने. इस रेल मार्ग को 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान बंद कर दिया गया था. उस समय बांग्लादेश पाकिस्तान का हिस्सा था. हालांकि अब इसे खोल दिया गया है, जो कूचबिहार और बांग्लादेश के चिलाहाटी को जोड़ेगा.