मोदी सरकार पर बरसे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, बताई भारत में बेरोजगारी की वजह
भारत में बेरोजगारी समेत कई मसलों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जमकर बरसे.
highlights
- मोदी सरकार पर बरसे पूर्व PM मनमोहन सिंह
- मोदी सरकार के फैसलों की आलोचना की
- पूर्व PM ने भारत में बेरोजगारी की वजह बताई
नई दिल्ली:
भारत में बेरोजगारी समेत कई मसलों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जमकर बरसे. मंगलवार को केंद्र की मोदी सरकार पर करारा प्रहार करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि 2016 में बीजेपी नीत सरकार द्वारा 'बगैर सोच-विचार के लिए गए नोटबंदी के फैसले' के चलते देश में बेरोजगारी चरम पर है और अनौपचारिक क्षेत्र खस्ताहाल है. पूर्व पीएम ने इस दौरान राज्यों से नियमित रूप से परामर्श नहीं करने को लेकर भी मोदी सरकार की आलोचना की. मनमोहन सिंह ने यह बातें आर्थिक विषयों के 'थिंक टैंक' राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज द्वारा डिजिटल माध्यम से आयोजित एक विकास सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम में कहीं.
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पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि बढ़ते वित्तीय संकट को छिपाने के लिए भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा किए गए अस्थायी उपाय के चलते आसन्न कर्ज संकट से छोटे और मंझोले उद्योग क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं. इस स्थिति की हम अनदेखी नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी चरम पर है और अनौपचारिक क्षेत्र खस्ताहाल है. यह संकट 2016 में बगैर सोच-विचार के लिए गये नोटबंदी के फैसले के चलते पैदा हुआ है.
Unemployment is high & the informal sector is in shambles, a crisis precipitated by the ill-considered demonetisation decision taken in 2016: Former PM and Congress leader Dr Manmohan Singh at 'Pratheeksha 2030' yesterday
— ANI (@ANI) March 3, 2021
मनमोहन सिंह ने कहा कि केरल और कई अन्य राज्यों में लोक वित्त अव्यवस्थित है, जिसके चलते राज्यों को अत्यधिक मात्रा में कर्ज लेना पड़ा है और इससे भविष्य के बजट पर असहनीय बोझ बढ़ गया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि संघवाद और राज्यों के साथ नियमित परामर्श भारतीय अर्थव्यवस्था और राजनीतिक दर्शन का आधार स्तंभ है, जो संविधान में निहित है, लेकिन मौजूदा केंद्र सरकार ने इससे मुंह मोड़ लिया है.
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मनमोहन ने कहा कि केरल के सामाजिक मानदंड उच्च हैं, लेकिन ऐसे अन्य क्षेत्र भी हैं जिन पर भविष्य में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आगे कई अड़चनें हैं, जिन्हें राज्य को पार करना होगा. पिछले दो-तीन साल में वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती (कोविड-19) महामारी के चलते और बढ़ गई है, जिसका केरल पर भी प्रभाव पड़ा है. इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री ने राज्य विधानसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र में 'न्याय' जैसे विचार को शामिल करने को लेकर केरल की कांग्रेस नीत यूडीएफ के फैसले की सराहना की.
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