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राष्ट्रपति चुनाव 2017: देश के आठवें राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरमण से जुड़ी दस खास बातें

रामास्वामी वेंकटरमण, भारत के आठवें राष्ट्रपति थे। वकालत करने वाले वेंकटरमण चार साल तक भारत के उपराष्ट्रपति भी रह चुके हैं।

Updated on: 22 Jun 2017, 10:04 AM

नई दिल्ली:

रामास्वामी वेंकटरमण, भारत के आठवें राष्ट्रपति थे। वकालत करने वाले वेंकटरमण चार साल तक भारत के उपराष्ट्रपति भी रह चुके हैं। उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में वकालत भी की थी।

वह एक कुशल और परिपक्व राजनेता ही नहीं, एक बेहद सुलझे हुए और अच्छे इंसान भी थे। कई सर्वोच्च पदों पर रहते हुए उन्होंने लंबे समय तक देश की सेवा की।

वेंकटरमण भारत छोड़ो जैसे आंदोलन में हिस्सा ले चुके थे इसके साथ ही वह संविधान सभा के सदस्य भी चुने गए थे। वे चार बार लोक सभा के लिए चुने गए और केंद्र सरकार में वित्त और रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। अंतराष्ट्रीय स्तर पर वे संयुक्त राष्ट्र संघ समेत कई महत्वपूर्ण संस्थाओं के सदस्य और अध्यक्ष रह चुके हैं।

10 प्वांइट्स में जानें देश के आठवें राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरमण के बारे में

1. भारत के आठवें राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरमण का जन्म 4 दिसंबर 1910, तमिलनाडु में तंजौर के निकट पट्टुकोट्य में हुआ था।

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2. वेंकटरमण ने वर्ष 1951 में अपनी योग्यता के बल पर उच्चतम न्यायालय में वकालत करना आरंभ किया था।

3. सन 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में उनकी सक्रिय भूमिका और वकालत में उनकी श्रेष्ठता को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें देश के उत्कृष्ट वकीलों की टीम में स्थान दिया।

4. सन 1947 से 1950 तक वह महाराष्ट्र बार एसोसिएशन के सचिव पद पर रहे।

5. वेंकटरमण ने सन 1952 में पहली बार भारतीय राजनीति में कदम रखा। वह सन 1952 से 1957 तक देश की पहली संसद के सदस्य रहे। एक साल तक वह कांग्रेस के सचिव भी रहे।

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6. सन 1957 में वेंकटरमण को संसद में चुने जाने के बाद भी उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा देकर मद्रास सरकार के मंत्रीपरिषद का पद ग्रहण संभाला।

7. सन 1967 में वेंकटरमण को योजना आयोग का सदस्य निर्वाचित कर उन्हें उधोग, यातायात एंव रेलवे जैसे प्रमुख विभागों का उत्तरदायित्व सौंपा गया।

8. सन 1980 में लोकसभा का सदस्य चुने जाने के बाद उन्हें इंदिरा गांधी सरकार में वित्त मंत्रालय का भार सौंपा गया और कुछ समय बाद वेंकटरमण को रक्षा मंत्री बना दिया गया।

9. वेंकटरमण अगस्त 1984 में देश के उपराष्ट्रपति बने। इसके साथ ही वह राज्य सभा के अध्यक्ष भी रहे। 25 जुलाई 1987 को वह देश के आठवें राष्ट्रपति बने।

10. 27 जनवरी 2009 को एक लंबी बीमारी के कारण दिल्ली के आर्मी अस्पताल में 98 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।

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