INS Vindhyagiri: भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत, समुद्र में दुश्मन के होश उड़ा देगा विंध्यागिरी, ये हैं खासियतें

INS Vindhyagiri: आईएनएस विंध्यागिरी स्वदेशी प्रोजेक्ट 17-A फ्रिगेट का छठा वॉरशिप  है. जो समुद्र की लहरों पर 28 नॉट्स यानी करीब 52 किमी की रफ्तार से दौड़ सकता है. इसके अलावा ये अपने साथ 6,670 टन असलहा और दूसरे सामान को लेकर जाने में सक्षम  है.

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Suhel Khan
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INS Vindhyagiri( Photo Credit : Social Media)

INS Vindhyagiri: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज (गुरुवार) को कोलकाता में युद्धपोत 'विंध्यागिरि' को लॉन्च करने वाली हैं. इस युद्धपोत से भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा होगा. इस वॉरशिप को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) में राष्ट्रपति मुर्मू इसे हरी झंडी दिखाएंगी. इसके अलावा, राष्ट्रपति कोलकाता के राजभवन में ब्रह्मकुमारी द्वारा आयोजित ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के तहत ‘मेरा बंगाल, नशा मुक्त बंगाल’ अभियान का भी शुभारंभ करेंगी. बता दें कि आईएनएस विंध्यागिरी, भारत के प्रोजेक्ट 17A का छठा जंगी जहाज है. इस युद्धपोत की सबसे खास बात ये है कि इसे भारत में ही तैयार किया गया है. जो अपनी क्लास का तीसरा वॉरशिप है. इस जंगी जहाज को कोलकाता की गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजिनियर्स लिमिटेड ने विकसित किया है. इसका नामकरण कर्नाटक की पर्वत श्रृंखला के नाम पर किया गया है.

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नई टेक्नोलॉजी से विकसित किया गया है विंध्यागिरि

बता दें कि नौसेना के बेड़े में शामिल होने वाले वाले ये युद्धपोत 17 क्लास फ्रिगेट्स (शिवालिक क्लास) का फॉलो-ऑन है. इस युद्धपोत में बेहतर स्टील्थ फीचर्स, उन्नत हथियार और सेंसर के अलावा प्लेटफॉर्म प्रबंधन सिस्टम लगाया गया है. बता दें कि पुराने आईएनएस विध्यांगिरी ने करीब 31 साल तक भारतीय नौसेना में सेवा दी. जिसे अब नई टेक्नोलॉजी के साथ विकसित किया गया है. बता दें कि भारतीय नौसेना अपने युद्धपोतों या उनकी स्मृतियों को जीवित रखने की परंपरा को आगे बढ़ा रही है. इसी परंपरा के तहत INS विंध्यगिरि का पुनरुत्थान किया गया है. जिसे 2012 से विकसित किया जा रहा था.

ये हैं आईएनएस विंध्यागिरी की खासियत

आईएनएस विंध्यागिरी स्वदेशी प्रोजेक्ट 17-A फ्रिगेट का छठा वॉरशिप  है. जो समुद्र की लहरों पर 28 नॉट्स यानी करीब 52 किमी की रफ्तार से दौड़ सकता है. इसके अलावा ये अपने साथ 6,670 टन असलहा और दूसरे सामान को लेकर जाने में सक्षम  है. INS विंध्यागिरी से बराक-8 मिसाइल को लॉन्च किया जा सकता है. इसके अलावा इस युद्धपोत से ब्रह्मोस मिसाइल को भी लॉन्च किया जा सकता है. INS विंध्यागिरी में अत्याधुनिक रडार सिस्टम और एंटी सब मरीन वेपन सिस्टम लगाए गए हैं. इस  युद्धपोत की लंबाई 150 मीटर और ऊंचाई 37 मीटर है. जो समुद्र में दुश्मनों के होश उड़ा देगा.

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प्रोजेक्ट 17A के तहत युद्धपोतों पर चल रहा काम

बता दें कि मेसर्स एमडीएल प्रोजेक्ट 17ए के तहत कुल चार जहाजों को विकसित कर रहा है. वहीं मेसर्स जीआरएसई तीन और जहाजों को बनाने का काम कर रहा है. इस प्रोजक्ट के पहले पांच जहाज 2019-2022 के बीच एमडीएल और जीआरएसई ने लॉन्च किए थे. आज छठे जंगी जहाज विंध्यागिरि को लॉन्च किया जा रहा है.

दुश्मन को देगा मात

इस युद्धपोत के नौसेना में शामिल होने से देश की सीमा को और सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी. जिससे नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. जिससे चीन और पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएगा. ये जंगी जहाज युद्ध में दुश्मन की हर चाल को मात देगा. 

HIGHLIGHTS

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज लॉन्च करेंगी INS विंध्यागिरी
  • भारतीय नौसना में शामिल होगा ये युद्धपोत
  • समुद्र में दुश्मन को देगा मात

Source : News Nation Bureau

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