कहीं कांग्रेस के लिए भस्मासुर साबित न हो जाएं प्रशांत किशोर, TMC में ला रहे कांग्रेसी नेता
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के बाद राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) पश्चिम बंगाल के बाहर कांग्रेस के नेताओं को अपने पाले में लेने के लिए तैयार हैं.
highlights
- असम से सुष्मिता देव और गोवा से फलेरियो कांग्रेस से टूटे
- किशोर की भूमिका को लेकर कांग्रेस के कई नेता बंटे
- पीके फिलहाल टीएमसी के चुनाव रणनीतिकार बने हैं
नई दिल्ली:
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के बाद राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) पश्चिम बंगाल के बाहर कांग्रेस के नेताओं को अपने पाले में लेने के लिए तैयार हैं. उन्होंने भव्य पुरानी पार्टी के दो प्रमुख नेताओं को सफलतापूर्वक अपनी तरफ कर लिया है. असम से सुष्मिता देव और गोवा से लुइजि़न्हो फलेरियो, जो हाल के दिनों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हुए है. दोनों ही गांधी परिवार के करीबी माने जाते थे. यह फलेरियो ही थे जिन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि उनसे किसी और ने नहीं, बल्कि किशोर और उनकी टीम ने बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के लिए संपर्क किया था. किशोर चुनावी राज्यों में कांग्रेस नेताओं से अनौपचारिक रूप से मिलते रहे हैं क्योंकि पार्टी में उनके शामिल होने पर अभी भी सोनिया गांधी विचार कर रही हैं. साथ ही उन्होंने कुछ नेताओं से भी मुलाकात की है और उन्हें अपने व्यक्तिगत राज्य-विशिष्ट इनपुट दिए हैं.
टीएमसी की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाएं कांग्रेस का बिगाड़ेगी खेल
पश्चिम बंगाल में चुनाव जीतने के बाद तृणमूल कांग्रेस भी अब राष्ट्रीय क्षेत्र में प्रभाव डालने की कोशिश कर रही है. फलेरियो ने कांग्रेस को विभाजित सदन बताते हुए कहा कि हमें यह देखना होगा कि दिल्ली और गोवा में मौजूदा सरकार का सामना करने की शक्ति किसके पास है. निश्चित रूप से, मैं ममता का समर्थन करूंगा क्योंकि उन्होंने लड़ाई लड़ी है, वह सफल हुई हैं. वह महिला सशक्तिकरण का प्रतीक हैं. अब कांग्रेस जो बीजेपी से अपनी पार्टी के लोगो को बचाने की कोशिश कर रही थी, उसको अब तृणमूल के खिलाफ भी अपने गार्ड को सक्रिय रखने की जरूरत है.
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मुकुल संगमा पर डोरे डाल रही टीएमसी
यहां तक कि मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा से भी तृणमूल ने संपर्क किया है और उन्होंने पार्टी नेताओं के साथ बैठक भी की थी. हालांकि संगमा से कांग्रेस ने पार्टी नहीं छोड़ने के लिए संपर्क किया है. वह जल्द ही सोनिया गांधी से भी मिल सकते है. इतना ही नहीं तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि कांग्रेस को कुर्सी की राजनीति छोड़ देनी चाहिए, उनकी पार्टी बीजेपी से लड़ने में सक्षम नहीं है. इसका जवाब देते हुए कांग्रेस के प्रभारी संचार सचिव प्रणव झा ने सवाल किया कि क्या दिल में बदलाव ईडी के सम्मन के कारण हुआ है.
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कांग्रेस में पीके पर चल रहा मंथन
कांग्रेस प्रशांत किशोर के कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों से पार्टी में शामिल होने के बारे में जानकारी ले रही है. यहां तक कि टिकट वितरण में किशोर की भूमिका को लेकर कांग्रेस के कई नेता बंटे हुए हैं, लेकिन कोई भी राजनीतिक रणनीतिकार के पार्टी में शामिल होने के विचार के खिलाफ नहीं है. उनका मानना है कि उम्मीदवार चयन प्राधिकरण के बिना उन्हें चुनाव प्रबंधन विभाग का प्रभारी बनाया जाना चाहिए. कांग्रेस नेता इस बात से सहमत हैं कि पार्टी में उनके इनपुट पर विचार किया जाना चाहिए, लेकिन उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य के नेताओं के साथ-साथ पूर्व और मौजूदा मुख्यमंत्रियों को टिकट वितरण प्रक्रिया में शामिल होना चाहिए.
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