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प्रशांत भूषण के ट्वीट न्यायिक व्यवस्था को बदनाम करने वाले- सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि प्रथम दृष्टया हमारी राय ये है कि प्रशांत भूषण के ट्वीट न्यायिक व्यवस्था की बदनामी करने वाले है.

Updated on: 22 Jul 2020, 03:48 PM

नई दिल्ली:

वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि प्रथम दृष्टया हमारी राय ये है कि प्रशांत भूषण के ट्वीट न्यायिक व्यवस्था की बदनामी करने वाले है. लोगो की नज़र में संस्था के तौर सुप्रीम कोर्ट (विशेषतौर पर CJI ऑफिस )की गरिमा को गिराने वाले हैं.. लिहाजा हम स्वत संज्ञान लेकर नोटिस जारी कर रहे है.

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इससे पहले सुनवाई के दौरान ट्विटर की तरफ से वरिष्ठ वकील साजन पोवय्या ने कहा, हमें इस मसले पर विशेष कुछ नहीं कहना. अगर कोर्ट आदेश तो हम प्रशांत भूषण के विवादित ट्वीट को हटाने को तैयार है. कोर्ट ने प्रशांत भूषण के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है और पूछा है कि क्यों न उनके ट्वीट्स के लिए अवमानना का मुकदमा चलाया जाए.

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कोर्ट ने इस मामले में AG को कोर्ट की सहायता करने को कहा है. वहीं कोर्ट ने ट्विटर से सवाल किया है अवमानना की कार्रवाई शुरु होने के बाद ट्विटर ख़ुद से ट्वीट को डिलीट क्यों नहीं कर सकता. ट्वीटर की ओर से पेश वकील ने कहा कि वो कोर्ट की मंशा से अपने क्लाइंट को अवगत कराएंगे