श्रीनगर उप-चुनाव: मात्र 6.5% वोटिंग, हिंसा में 8 की मौत, 30 सालों में सबसे कम वोटिंग
श्रीनगर लोकसभा सीट पर हुए उप चुनाव में अप्रत्याशित रूप से निराशाजनक वोटिंग हुई है। मुख्य चुनाव अधिकारी शांतनु ने बताया, 'श्रीनगर लोकसभा सीट पर हुए उप चुनाव में निराशाजनक 6.5 फीसदी मतदान हुआ है।
highlights
- श्रीनगर लोकसभा सीट पर हुए उप चुनाव में टूटा पिछले 30 सालों का रिकॉर्ड, महज 6.5 फीसदी मतदान
- चुनाव से पहले अलगाववादियों ने राज्य में मतदान का बहिष्कार किए जाने की अपील की थी, जिसका असर होता दिख रहा है
New Delhi:
श्रीनगर लोकसभा सीट पर हुए उप चुनाव में अप्रत्याशित रूप से निराशाजनक वोटिंग हुई है। मुख्य चुनाव अधिकारी शांतनु ने बताया, 'श्रीनगर लोकसभा सीट पर हुए उप चुनाव में निराशाजनक 6.5 फीसदी मतदान हुआ है।' पिछले 30 सालों में पहली बार इतनी कम वोटिंग हुई है।
चुनाव से पहले अलगाववादियों ने राज्य में मतदान का बहिष्कार किए जाने की अपील की थी, जिसका असर होता दिख रहा है।
श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में पूर्व पीडीपी सांसद तारिक हामिद कर्रा के इस्तीफे के बाद चुनाव हो रहा है। कर्रा ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी की मुठभेड़ में हुई मौत के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला समेत 9 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
J&K: Total 6.5% voting recorded in Srinagar Lok Sabha bypoll. pic.twitter.com/qD8XRI5kWH
— ANI (@ANI_news) April 9, 2017
और पढ़ें: कश्मीर उप-चुनाव में 6 की मौत, उमर ने कहा पहले कभी नहीं देखी इतनी बड़ी हिंसा
श्रीनगर लोकसभा सीट को हुआ उपचुनाव काफी हिंसक रहा और इसमें अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। बड़गाम जिले में मतदान केंद्र पर हमला करने वाली भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों को गोली चलानी पड़ी, जिसमें 39 लोग घायल हो गए। चुनावी हिंसा के बाद अलगाववादियों ने राज्य में दो दिनों का बंद बुलाया है।
बड़गाम में पोलिंग बूथ पर पेट्रोल बम फेंके गए और नसरुल्लापोरा में भी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई है। चुनावी हिंसा के लिए विपक्षी दलों ने राज्य सरकार, केंद्र और चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया है। पूरे क्षेत्र में व्यापक तौर पर हिंसा की खबर है, और पुलिस ने कहा कि इस दौरान मध्य कश्मीर में हिंसा की लगभग 200 घटनाएं घटीं।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने चुनावी हिंसा के लिए अफसोस जताते हुए कहा कि राज्य में पहले चुनावों के दौरान कभी इतनी हिंसा नहीं हुई। अब्दुल्ला ने कहा, 'पिछले चुनावों में ऐसा कभी कुछ हुआ हो ये याद नहीं, यह घटना दिखाती है कि परिस्थितियां कितनी बिगड़ चुकी हैं इससे पहले कभी नही देखी इतनी बड़ी हिंसा।'
उधर पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार लोगों को मतदान करने के लिए सुरक्षित और शांतिपूर्ण माहौल दे पाने में नाकाम रही है। पहले चार घंटों में कुल 12 लाख 61 हजार मतदाताओं में से केवल 3.3 प्रतिशत ने ही अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
उधर पुलिस ने बताया कि हिंसक भीड़ ने एक बस में आग लगा दी और बडगाम में कुछ मतदान केंद्रों पर ईवीएम मशीनें भी तोड़ दीं। वहीं मध्य प्रदेश के भिंड जिले के अटेर और उमरिया जिले के बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव में भी छिटपुट हिंसा की खबर आई, गौरतलब है कि हिंसक घटनाओं के बीच दोपहर दो बजे तक 40 फीसदी से अधिक मतदान हुआ।
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