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बेंगलुरु में एक फ्लाईओवर का नाम सावरकर के नाम पर रखने पर विवाद, उद्घाटन टला

बेंगलुरु में भाजपा शासित नगर निकाय द्वारा एक फ्लाईओवर का नाम हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर (veer savarkar) के नाम पर रखने पर विवाद के बाद बृहस्पतिवार को इसका उद्घाटन टाल दिया गया.

Updated on: 28 May 2020, 11:21 PM

बेंगलुरु:

बेंगलुरु में भाजपा शासित नगर निकाय द्वारा एक फ्लाईओवर का नाम हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर (veer savarkar) के नाम पर रखने पर विवाद के बाद बृहस्पतिवार को इसका उद्घाटन टाल दिया गया. मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा 34 करोड़ की लागत से बने इस फ्लाईओवर का बृहस्पतिवार को उद्घाटन करने वाले थे, लेकिन इस फैसले को टाल दिया गया.

संयोगवश बृहस्पतिवार को ही सावरकर की जयंती भी थी. हालांकि, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव और येलहंका से विधायक एस आर विश्वनाथ ने कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन (lockdown) और बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) द्वारा राजपत्र अधिसूचना जारी न किये जाने के कारण इस फैसले पर अमल नहीं किया जा सका, लेकिन अगले महीने इसे अमल में लाया जाएगा.

वहीं, विपक्षी दलों कांग्रेस और जद (एस) ने शहर के येलहंका में स्थित फ्लाईओवर का नाम सावरकर के नाम पर रखने पर आपत्ति जताते हुए इसे राज्य के स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान बताया और ऐसा न करने की मांग की. उप मुख्यमंत्री डॉ सी एन अश्वथ नारायण ने विरोध जताने के लिए विपक्ष की निंदा की.

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उन्होंने कहा कि फ्लाईओवर के नामकरण का विरोध सिर्फ इसलिए किया जाना क्योंकि वह (सावरकर) कर्नाटक से संबंधित नहीं थे, गलत है. उन्होंने कहा, 'कर्नाटक में हर जगह ऐसे नामों का जिक्र होता है, जो राज्य से संबंधित नहीं हैं. सावरकर के नाम पर फ्लाईओवर के नामकरण का विरोध करना गलत है, जिन्होंने देश के लिए बहुत कुछ कुर्बान किया. उन्हें शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया. उनकी दिलेरी को समझना मुश्किल है.'

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 विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को दावा किया था कि यह कदम कर्नाटक के स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है. उन्होंने मुख्यमंत्री येदियुरप्पा से आग्रह किया कि वे फ्लाईओवर का नाम राज्य के किसी ऐसे व्यक्ति के नाम पर रखें, जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था. उन्होंने ट्वीट किया था, 'येलहंका फ्लाईओवर का नाम सावरकर के नाम पर रखने का जल्दबाजी में लिया गया निर्णय यह कहने के लिए एक प्रमाण है कि प्रशासन, निर्वाचित सरकार नहीं बल्कि पर्दे के पीछे मौजूद लोग चला रहे हैं. क्या मुख्यमंत्री ऐसे जनविरोधी फैसलों के लिए विपक्ष से सहयोग मांग रहे हैं?' जद(एस) नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने भी येदियुरप्पा की बात से सहमति जतायी.