राजनीतिक दलों को 500 और 1000 रुपये के नोट जमा कराने पर नहीं देना होगा टैक्स
मोदी सरकार देश से ब्लैक मनी को खत्म करने के लिए एक के बाद एक सख्त उपाय उठा रही है लेकिन राजनीतिक दलों को होने वाली अवैध फंडिंग को रोकने में सरकार की कोशिशें विफल होती नजर आती रही है।
highlights
- राजनीतिक दलों के बैंकों में पुराने नोटों जमा कराने पर नहीं लगेगा कोई टैक्स
- इनकम टैक्स एक्ट धारा 13ए राजनीतिक दलों को चंदा जमा कराए जाने के मामले में टैक्स से छूट देता है
New Delhi:
मोदी सरकार देश से ब्लैक मनी को खत्म करने के लिए एक के बाद एक सख्त उपाय उठा रही है लेकिन राजनीतिक दलों को होने वाली अवैध फंडिंग को रोकने में सरकार की कोशिशें विफल होती नजर आती रही है।
सरकार ने साफ किया है कि राजनीतिक पार्टियों पर 500 और हजार के पुराने नोट अपने खाते में जमा करने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। राजनीतिक पार्टियों को इनकम टैक्स कानून के तहत पहले से ही छूट मिली हुई है। गौरतलब है कि सरकार ने ऐलान कर रखा है कि अगर अघोषित आय से ज्यादा कोई व्यक्ति अपने खाते में 500-1000 के नोट जमा करता है तो उसकी जांच की जा सकती है और आयकर कानून के तहत उचित जुर्माना और टैक्स लगाया जा सकता है। लेकिन राजनीतिक पार्टियां कितनी भी मात्रा में 500 और 1000 रुपये के नोट जमा करें उन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
वित्त सचिव अशोक लवासा ने शुक्रवार को कहा, 'आयकर अधिनियम के तहत राजनीतिक दलों को पुराने नोटों को बैंक में जमा कराने की छूट मिली हुई है।' सरकार की इस घोषणा का मतलब साफ हुआ कि अगर राजनीतिक दल बैंकों में पुराने नोट जमा कराते हैं तो उन खातों की छानबीन नहीं की जाएगी।
हालांकि, इसके साथ ही सरकार ने यह भी कहा है कि इसमें यह देखा जाएगा कि राजनीतिक दलों को मिलने वाला व्यक्तिगत चंदा 20,000 रुपये से कम होना चाहिए और यह दस्तावेजों में दर्ज होना चाहिए।
सरकार राजनीतिक दलों को प्राप्त कर छूट में कोई छेड़छाड़ नहीं कर रही है। राजनीतिक दल 500 और 1,000 रुपये के नोट अपने खातों में जमा कराने के लिए मुक्त हैं, लेकिन इस प्रकार की जमा पर शर्त होगी कि इसमें नकद में लिया गया व्यक्तिगत चंदा 20,000 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए और इसके पूरे दस्तावेज होने चाहिए, जिसमें दानदाता की पूरी पहचान होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि कोई एक व्यक्ति 20,000 रुपये से अधिक का दान पार्टी को देता है तो मौजूदा कानून के तहत यह चेक या बैंक ड्राफ्ट के जरिये होना चाहिए।
इसके अलावा सरकार ने यह भी कहा है किसानों की कृषि आय कर मुक्त है, हालांकि, इस मामले में किसानों को एक घोषणा पत्र देना होगा जिसमें यह कहना होगा कि उनकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम है। ऐसी घोषणा से उन्हें बैंक जमा के लिए पैन की आवश्यकता नहीं होगी।
इससे पहले राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने भी कहा था कि राजनीतिक दलों की तरफ से बैंकों में जमा किए जाने वाली रकम पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगाया जाएगा।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, 'अगर राजनीतिक दल पुराने नोटों में पैसा जमा कराते हैं तो उन्हें टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन अगर कोई रकम किसी व्यक्ति के निजी खाते में जमा कराई जाती है तो फिर वह सरकार की निगरानी के दायरे में होगा।'
इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 13ए राजनीतिक दलों को चंदा जमा कराए जाने के मामले में टैक्स से छूट देता है। दलों की संपत्तियां मकान समेत अन्य स्रोतों में हो सकती है। राजनीतिक दलों को कैपिटल गेन पर भी किसी तरह का टैक्स नहीं देना होता है।
हालांकि राजनीतिक दलों को टैक्स में छूट तभी मिलती है जब वह अपने आय और व्यय का हिसाब-किताब रखते हैं और हर साल खातों की ऑडिटिंग भी कराते हैं।
8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य किए जाने के बाद अब पुराने पड़ चुके नोटों को 31 दिसंबर तक बैंकों में जमा कराया जा सकता है।
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट