नीरव मोदी को पीएनबी का जवाब, कहा- रकम लौटाने की ठोस योजना बताएं
पीएनबी ने कहा कि हमने शुरुआत में नीरव मोदी द्वारा फर्ज़ीवाड़ा को लेकर BSE और NSE समेत अपने बोर्ड को जो आंकड़े दिए थे वह 5 फरवरी तक की जांच पर आधारित था।
नई दिल्ली:
पंजाब नेश्नल बैंक (पीएनबी) ने फर्ज़ीवाड़ा मामले में नीरव मोदी के वकील विजय अग्रवाल द्वारा आंकड़ो को लेकर दी जा रही सफाई पर प्रतिक्रिया दी है। साथ ही मोदी को एक पत्र लिखकर कहा है कि वो रकम लौटाने की ठोस योजना लेकर आएं।
पीएनबी ने कहा कि हमने शुरुआत में नीरव मोदी द्वारा फर्ज़ीवाड़ा को लेकर BSE और NSE समेत अपने बोर्ड को जो आंकड़े दिए थे वह 5 फरवरी तक की जांच पर आधारित था।
जांच के बाद फर्जीवाड़ों की रकम बढ़कर 11394.02 करोड़ रुपये हो गई है, जिसके बाद RBI (रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया) में FMR (फाइनेंसियल मैनेजमेंट रेगुलेशन), सीबीआई में एफआईआर 13 फरवरी को दर्ज की गई, इसके साथ ही बीएसई और एनएसई को 14 फरवरी को इसकी जानकारी दी गई।
पीएनबी ने आगे कहा कि सभी एजेंसियों को इस मामले की जांच के लिए कहा गया था। इस तरह की ख़बर सार्वजनिक करने पर आरोपी के सतर्क होने का ख़तरा रहता है। जो रिकवरी प्रक्रिया में रुकावट डाल सकती है।
Upon receiving further investigation report enhancing the fraud amount to Rs. 11394.02 Crore (US $ 1.77 Billion) FMR with RBI, FIR with CBI were filed in evening of 13th February, 2018 and information with BSE & NSE on 14th February: Punjab National Bank #PNBFraudCase
— ANI (@ANI) February 22, 2018
रिकवरी के बाद हमारे पास पर्याप्त मात्रा में धन और संपत्ति जमा हुई है और क़ानून हम हर्ज़ाना की रकम वसूल कर सकते हैं। हमने इस संदर्भ में अनुशासनात्मक प्राधिकरण को ख़त लिखा है और उनके जवाब का इंतज़ार कर रहे हैं।
इससे पहले नीरव मोदी के वकील विजय अग्रवाल ने 11,500 के आंकड़ों को गलत बताते हुए कहा कि लोन 280 करोड़ रुपये का लिया गया था। जो संभवत: बढ़कर 5000 करोड़ हो सकता है लेकिन 11,500 करोड़ नहीं हो सकता।
मोदी के पत्र के जवाब में पीएनबी ने कहा है, 'आपने गलत तरीके से एलओयू जारी करवाया और वो भी बैंक के कुछ अधिकारियों की मदद से अनधिकृत रूप से। किसी भी स्तर पर बैंक ने 3 पार्टनर फर्म को इस सुविधा को नहीं दिया है। जब ये अवैध जानकारी सामने आई तो वे पूरी तरह से फेमा के उल्लंघन और मनी लॉन्डरिंग की ओर संकेत दे रही थीं। ऐसे में बैंक को कानून के तहत जांच एजेंसियों को इसकी जानकारी देनी पड़ी।'
साथ ही बैंक ने कहा कि मोदी के रकम लौटाने के प्रस्ताव में समयसीमा और अग्रिम राशि का जिक्र नहीं था।
बैंक ने कहा, 'देनदारी से संबंधित सेटेलमेंट करने की आपकी प्रतिबद्धता और दायित्व के प्रस्ताव में ठोस समयसीमा और अग्रिम राशि का जिक्र नहीं था। अगर आपके पास रकम लौटाने की कोई ठोस योजना है तो हमें बताएं।'
पीएनबी फर्जीवाड़ा: 11 हज़ार करोड़ नहीं 280 करोड़ रुपये का लिया था लोन- नीरव के वकील
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