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पीएमके ने बिजली परियोजना के लिए अधिगृहित जमीन लौटाने के तमिलनाडु सरकार के फैसले का स्वागत किया

पीएमके ने बिजली परियोजना के लिए अधिगृहित जमीन लौटाने के तमिलनाडु सरकार के फैसले का स्वागत किया

Updated on: 10 Jun 2022, 04:45 PM

चेन्नई:

पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक डॉ एस रामदास ने खनन तथा बिजली परियोजना के लिए अधिगृहित 8,000 एकड़ जमीन वापस करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले का स्वागत किया है।

यह जमीन अलीयूर जिले के 12 गांवों तथा जयाकोंडम में दस साल पहले लिग्नाइट खनन और बिजली परियोजना के लिए अधिगृहित की गई थी। यह परियोजना नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन की थी।

अधिगृहित भूमि के मालिकों ने अधिक मुआवजे की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जहां उन्हें जीत मिली। सरकार ने फिर यह जमीन लौटाने का निर्णय लिया। अदालत ने प्रति एकड़ 15 लाख रुपये देने का आदेश दिया था, जिसके बाद नेवेली लिग्नाइट कॉरपोरेशन के लिए यह परियोजना वित्तीय रूप से लाभदायक नहीं होती। इस पर जब सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट में अपील की तो उसने पहले दी गई मुआवजा राशि को 23 गुना बढ़ाने का आदेश दिया।

डॉ रामदास ने कहा कि पीएमके 20 वर्षो से यह लड़ाई रह रही है कि किसानों को भूमि अधिग्रहण के एवज में अधिक मुआवजा दिया जाये।

तमिलनाडु सरकार ने कुछ दिनों पहले आदेश जारी किया था कि भूमि उसके मालिकों को लौटा दी जाएगी और भूमि मालिक प्रति एकड़ मुआवजे के रूप में दी गई 35,000 रुपये की रकम भी रख सकते हैं।

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