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चीन से तनाव पर पीएम नरेंद्र मोदी ने की उच्च स्तरीय बैठक, तीनों सेनाओं ने तैयारी का ब्लूप्रिंट सौंपा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के साथ तनातनी के बीच प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में तीनों सेनाओं के अध्यक्षों के साथ बैठक की और विस्तृत रिपोर्ट ली. बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं से मौजूदा हालात पर सुझाव मांगे हैं.

Updated on: 27 May 2020, 07:26 AM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने चीन के साथ तनातनी के बीच प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में तीनों सेनाओं के अध्यक्षों के साथ बैठक की और विस्तृत रिपोर्ट ली. बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं से मौजूदा हालात पर सुझाव मांगे हैं. बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) और सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Vipin Rawat) भी मौजूद थे. इस दौरान तीनों सेनाओं की तरफ से लद्दाख में चीन के साथ बने हालात पर विस्तृत रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी गई.

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तीनों सेनाओं ने मौजूदा हालात में रणनीतिक और सामरिक विकल्पों को लेकर सुझाव दिए. तीनों सेनाओं ने मौजूदा हालात को लेकर अपनी तैयारियों का ब्लूप्रिंट भी प्रधानमंत्री को सौंपा. पीएम ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सीडीएस जनरल बिपिन रावत से हालात की जानकारी ली. तीनों सेनाओं की ओर से जनरल बिपिन रावत ने मौजूदा स्थिति और उससे निपटने के इनपुट दिए.

उधर, पूर्वी लद्दाख से खबर है कि चीन के इलाके में चीन-पाकिस्तान का युद्ध अभ्यास चल रहा था, जिसके बाद चीन ने दौलत बेग ओल्डी, गलवान नाला और पेंग्योंग लेक पर अपने 5000 से ज्यादा सिपाही टेंटों के साथ तैनात कर दिया है. भारत ने भी उतने ही तादाद में टेंट गाड़ के अपने सैनिक तैनात कर दिए हैं. 6 और 7 मई को चीन-भारत के सैनिकों के बीच पेंग्योंग लेक इलाके में झड़प भी हो चुकी है. इसके बाद से सीमा पर लगातार तनाव बना हुआ है.

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पूर्वी लद्दाख इलाके में भारत की सड़क और अन्य सामरिक तैयारियों को लेकर चीन परेशान है. वह चाहता है कि भारत इस इलाके में सभी तरह के निर्माण रोक दे, लेकिन भारत ऐसा करने के पक्ष में नहीं है. भारत इस बार चीन को उसी की भाषा में जवाब देने और आर-पार के मूड में है.