logo-image

आषाढ़ पूर्णिमा-धम्म चक्र दिवस पर PM मोदी आज देश को करेंगे संबोधित

आषाढ़ की गुरु पूर्णिमा-धम्म चक्र दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी आज साढ़े आठ बजे देश को संबोधित करेंगे. भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Culture) इस पूर्णिमा को धम्म चक्र दिवस (Dhamma Chakra Day) के रूप में मनाता है.

Updated on: 24 Jul 2021, 06:59 AM

highlights

  • संस्कृति मंत्रालय इस पूर्णिमा को धम्म चक्र दिवस के रूप में मनाता है
  • इस अवसर पर कोरोना महामारी की वजह से कोई आयोजन नहीं किया जाएगा

नई दिल्ली:

Ashad Maas Ki Purnima : आषाढ़ की गुरु पूर्णिमा-धम्म चक्र दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज साढ़े आठ बजे देश को संबोधित करेंगे. भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Culture) इस पूर्णिमा को धम्म चक्र दिवस (Dhamma Chakra Day) के रूप में मनाता है. प्रधानमंत्री मोदी ने एक दिन पहले यानी शुक्रवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी. उन्होंने कहा कि वह आषाढ़ पूर्णिमा-धम्म चक्र दिवस पर सुबह 8:30 बजे देशवासियों के साथ अपना संदेश शेयर करेंगे. आपको बता दें कि इस वर्ष इस अवसर पर कोरोना वायरस महामारी की वजह से कोई आयोजन नहीं किया जाएगा. 

यह भी पढ़ें : VHP नेपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जानें मामला

भारत में आषाढ़ मास की पूर्णिमा का एक विशेष महत्व

भारत में आषाढ़ मास की पूर्णिमा का एक विशेष महत्व है. यह पूर्णिमा इस बार 24 जुलाई (शनिवार) को है, जिसे गुरु पूर्ण‍िमा के नाम से पुकारा जाता है. आपको बता दें ​कि यह दिन अहम इस वजह से भी है क्योंकि इसी दिन ही वेद व्यास जी का जन्म हुआ था. वेदव्यास ने मानव सभ्‍यता को चारों वेदों का ज्ञान दिया. इसके साथ ही पुराणों की रचना की थी. यह खास दिन गुरु के लिए समर्पित है.

इस दिन गुरु की पूजा की जाती है. भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय इस खास दिन को धम्‍म चक्र दिवस के रूप में भी मनाता है. इसके सथ ही भारत ही नहीं पूरी दुनिया में बौद्ध धर्म को मानने वाले इस दिन को धर्म चक्र प्रवर्तन या 'धर्म के चक्र के घूमने' के दिप  के रूप में मनाते हैं. इस दिन को बौद्ध और हिंदू में अपने गुरु के प्रति सम्मान जताने के रूप में मनाते हैं. 

यह भी पढ़ें : Tokyo Olympics : तीरंदाजी में दीपिका-प्रवीण की जोड़ी ने बनाई जगह

इस दिन महर्षि वेद व्यास ने ही पहली बार मनुष्य को चारों वेदों का ज्ञान दिया था. यही वजह है कि वेदव्यास को प्रथम गुरु की उपाधि दी जाती है. आपको बता दें कि पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व होता है.